Delhi: भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने कनाडाई उप उच्चायुक्त स्टीवर्ट व्हीलर को तलब कर भारत के दूत संजय कुमार वर्मा पर लगाए गए “बेतुके” आरोपों के लिए ट्रूडो सरकार की कड़ी आलोचना की है। यह विवाद कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच के दौरान भारतीय राजनयिकों को “रुचिकर व्यक्ति” बताए जाने के बाद और गहराता दिख रहा है।
Delhi: ‘रुचिकर व्यक्ति’ के आरोप पर भारत की नाराजगी
विदेश मंत्रालय ने कनाडा में जारी जांच के दौरान भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा और अन्य भारतीय राजनयिकों को “रुचिकर व्यक्ति” बताने वाले आरोपों को बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित बताया है। ‘रुचिकर व्यक्ति’ आमतौर पर उन संदिग्धों को कहा जाता है जिनके खिलाफ किसी मामले में कोई औपचारिक आरोप नहीं होते, लेकिन उनकी जांच में विशेष रुचि होती है।
ट्रूडो सरकार पर राजनीति करने का आरोप
भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, “भारत सरकार इन बेतुके आरोपों को पूरी तरह से खारिज करती है और इन्हें ट्रूडो सरकार की वोट बैंक राजनीति का हिस्सा मानती है।” मंत्रालय ने यह भी आरोप लगाया कि पिछले साल सितंबर में लगाए गए इन आरोपों के बाद से कनाडा सरकार ने भारत के साथ कोई ठोस सबूत साझा नहीं किया है, भले ही भारत ने कई बार इसके लिए अनुरोध किया हो।
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‘कनाडा में आतंकवादियों को मिल रहा है समर्थन’
भारत ने कनाडा सरकार पर आरोप लगाया कि वह हिंसक चरमपंथियों और आतंकवादियों को संरक्षण दे रही है, जो भारतीय राजनयिकों और समुदायिक नेताओं को धमकाने और परेशान करने में लगे हुए हैं। मंत्रालय ने कहा, “इन सभी गतिविधियों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर उचित ठहराया जा रहा है, और अवैध रूप से कनाडा में रहने वाले कुछ व्यक्तियों को जल्दबाजी में नागरिकता भी दी गई है।”
प्रत्यर्पण अनुरोधों की अनदेखी
भारत ने अपने बयान में यह भी कहा कि कनाडा सरकार ने भारत के कई प्रत्यर्पण अनुरोधों की अनदेखी की है, जिनमें आतंकवादियों और संगठित अपराध के नेताओं के प्रत्यर्पण शामिल हैं। इन सभी गतिविधियों ने दोनों देशों के बीच पहले से तनावपूर्ण संबंधों को और अधिक बिगाड़ दिया है।