Delhi High Court ने Vantara की याचिका खारिज की, Himal Southasian की रिपोर्ट पर रोक से इनकार

एक बड़े कॉर्पोरेट प्रोजेक्ट के खिलाफ पत्रकारिता की जीत दर्ज करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने Anant Ambani के नेतृत्व वाली Vantara परियोजना की ओर से दायर की गई अवमानना याचिका को सिरे से खारिज कर दिया। यह याचिका Himal Southasian पत्रिका द्वारा प्रकाशित उस रिपोर्ट को लेकर दायर की गई थी, जिसमें हाथियों के साथ कथित दुर्व्यवहार और उनके अवैध स्रोतों की जांच की गई थी।

याचिका में आरोप लगाया गया था कि Himal ने कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए लेख को नहीं हटाया। लेकिन जस्टिस अनीश दयाल ने स्पष्ट कहा कि ऐसा कोई आदेश कोर्ट ने पारित ही नहीं किया था, और इस आधार पर याचिका को तुरंत खारिज कर दिया गया।

पत्रिका की ओर से पेश हुईं वरिष्ठ वकील वृंदा ग्रोवर ने इसे एक कानूनी दबाव डालने की रणनीति बताया। उन्होंने कहा, “ये एक SLAPP केस था — एक ऐसी याचिका जिसका उद्देश्य था पत्रकारों को डराकर रिपोर्ट हटवाना। लेकिन कोर्ट ने इस चाल को पहचान लिया।”

पत्रिका के संपादक रोमन गौतम ने फैसले को लोकतंत्र और प्रेस की आज़ादी की जीत बताया। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ Himal की नहीं, बल्कि हर उस पत्रकार की जीत है जो सत्ता और ताकत के सामने सच्चाई लिखने का साहस करता है।”

लेख, जिसे पत्रकार एम. राजशेखर ने लिखा था, अब भी Himal की वेबसाइट पर मौजूद है — यह दिखाने के लिए कि तथ्य कभी दबाए नहीं जा सकते, चाहे सामने कितना भी बड़ा नाम क्यों न हो।

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मैं अंकुर सिंह, एक समर्पित पत्रकार हूँ जो सभी प्रकार की खबरों को कवर करता हूँ, चाहे वह स्थानीय हों या हाइपरलोकल। मेरी रिपोर्टिंग शैली में स्पष्टता और सच्चाई की झलक मिलती है। हर समाचार को गहराई से समझना और उसे अपने दर्शकों तक पहुँचाना मेरा प्रमुख उद्देश्य है। मेरी मेहनत और निष्पक्षता मुझे पत्रकारिता के क्षेत्र में अलग पहचान दिलाती हैं।
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