Bangladesh: यूरोप तक पहुंची हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की गूंज, Netherlands के नेता बोले- यह भयानक

Bangladesh में हालिया हिंसा ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया है। नीदरलैंड के राजनेता गीर्ट वाइल्डर्स ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हुई हिंसा की कड़ी निंदा की। उन्होंने इसे भयानक बताया और इस हिंसा को जल्द समाप्त करने का आह्वान किया।

शेख हसीना का इस्तीफा और देश में अशांति

हिंसा की शुरुआत जुलाई के मध्य में सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रणाली के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन से हुई। इसके बाद, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया और देश छोड़कर चली गईं। हसीना के इस्तीफे के बाद देश में भारी अशांति फैल गई। प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री आवास गणभवन और संसद भवन में घुसकर वहां से सामान लूट लिया।

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हिंदुओं के खिलाफ हिंसा

ढाका में हिंदू समुदाय के नेताओं ने बताया कि हिंसा के दौरान कई हिंदू मंदिरों, घरों और दुकानों में तोड़फोड़ की गई। महिलाओं पर भी हमले हुए। हसीना के देश छोड़ने के बाद हुई हिंसा में अवामी लीग पार्टी से जुड़े दो हिंदू नेताओं की मौत हो गई। हिंसा के कारण कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, मृतकों की संख्या बढ़कर 440 तक पहुंच चुकी है।

अंतरिम सरकार का गठन

वर्तमान समय में बांग्लादेश में सियासी उथल-पुथल के बाद मंगलवार को अंतरिम सरकार का गठन किया गया। नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाया गया है। राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने इसकी घोषणा की।

गीर्ट वाइल्डर्स का बयान

गीर्ट वाइल्डर्स का बयान

गीर्ट वाइल्डर्स, जो दक्षिणपंथी दल पार्टी फॉर फ्रीडम के नेता हैं, ने कहा, “बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा भयावह है। उन्हें मारा जा रहा है और इस्लामिक भीड़ उनके घरों को जला रही है। इसे तुरंत खत्म करना चाहिए।”

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प्रधानमंत्री आवास और अन्य सरकारी संपत्तियों पर हमला

हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री आवास, संसद भवन और मुख्य न्यायाधीश के आवास में भी तोड़फोड़ की। प्रधानमंत्री आवास गणभवन में घुसकर प्रदर्शनकारियों ने वहां से सामान लूट लिया और शेख हसीना के निजी आवास सुधा सदन में आग लगा दी। मुख्य न्यायाधीश के आवास की दीवार फांदकर अंदर जाने की घटनाएं भी सामने आईं।

शेख हसीना की स्थिति

इस्तीफा देने के बाद शेख हसीना भारत आ गईं। हालांकि, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि वह भारत में ही रहेंगी या किसी अन्य देश में शरण लेंगी। बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति बेहद नाजुक हो गई है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस पर गहरी नजर बनाए हुए है।

बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा और शेख हसीना के इस्तीफे के बाद की स्थिति ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंताएं बढ़ा दी हैं। नीदरलैंड के राजनेता गीर्ट वाइल्डर्स की निंदा और हिंसा को समाप्त करने का आह्वान इस मुद्दे को और भी महत्वपूर्ण बना देता है। बांग्लादेश में वर्तमान स्थिति को सुधारने और स्थिरता लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन और सहयोग की आवश्यकता है।

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मनीष कुमार एक उभरते हुए पत्रकार हैं और हिंदी States में बतौर Sub-Editor कार्यरत हैं । उनकी रुचि राजनीती और क्राइम जैसे विषयों में हैं । उन्होंने अपनी पढ़ाई IMS Noida से की है।
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