Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी का त्योहार हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस बार गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की मूर्ति लाने और उनकी पूजा करने का तरीका जानना बहुत जरूरी है। यहां जानें कि किस प्रकार की मूर्ति लाना शुभ रहेगा और स्थापना की सही विधि क्या है।
गणेश मूर्ति का चयन कैसे करें?
गणेश चतुर्थी पर आमतौर पर मिट्टी की मूर्तियों को प्राथमिकता दी जाती है क्योंकि ये पर्यावरण के लिए अनुकूल होती हैं और इन्हें आसानी से विसर्जित किया जा सकता है। इसके अलावा, पीतल, तांबा, या पंचधातु की मूर्तियां भी शुभ मानी जाती हैं।
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- मिट्टी की मूर्तियां: पारंपरिक और पर्यावरण के अनुकूल।
- पीतल की मूर्तियां: जीवन में सुख-समृद्धि और आनंद लाती हैं।
- क्रिस्टल की मूर्तियां: वास्तु दोष दूर करती हैं और सौभाग्य लाती हैं।
- कॉपर की मूर्तियां: नवविवाहित जोड़ो के लिए शुभ।
गणेश मूर्ति की स्थापना की विधि
गणेश चतुर्थी के दिन मूर्ति को स्थापित करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:
- मूर्ति की स्थापना:
- सुबह या दोपहर के शुभ मुहूर्त में मूर्ति स्थापित करें।
- मूर्ति को घर के उत्तर या पूर्व दिशा में रखें।
- एक साफ और शांत स्थान पर मंडप सजाएं, जिसमें फूल, रंगोली, और दीपक लगाएं।
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- कलश की स्थापना:
- मंडप में एक कलश रखें। इसमें गंगाजल, रोली, चावल, सिक्के, और आम के पत्ते डालें।
- पूजन विधि:
- मूर्ति को गंगाजल से स्नान कराएं और फिर धूप, दीप, और नैवेद्य अर्पित करें।
- गणेश स्तोत्र का पाठ करें और मूर्ति को फूलों से सजाएं। चंदन का तिलक लगाएं और भगवान गणेश से आशीर्वाद लें।
- मूर्ति की देखभाल:
- नियमित रूप से फूल और जल चढ़ाएं।
मूर्ति का रंग और दिशा
- रंग:
- सफेद रंग की मूर्ति को पवित्रता का प्रतीक माना जाता है और यह शांति और समृद्धि लाती है।
- बाईं ओर झुकी हुई सूंड वाली मूर्ति लाने से समृद्धि और खुशी प्राप्त होती है।
- दिशा:
- मूर्ति को पश्चिम, उत्तर, या उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करें।
- मूर्ति को बैठी हुई मुद्रा या ललितासन मुद्रा में रखें, जिससे शांति और आराम मिलता है।
गणेश चतुर्थी के इस पर्व पर इन सरल और प्रभावी विधियों से पूजा करने से भगवान गणेश की कृपा बनी रहेगी और जीवन से सभी विघ्न दूर होंगे।