हिन्दी: 52.8 करोड़ लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषा

ध्वनि, संवेदना और अपनापन जैसी चीज़ों को जब कोई भाषा खुद में समेट लेती है, तो वह सिर्फ बोलने का माध्यम नहीं रहती. हिन्दी भी ऐसी ही एक बहती हुई नदी है, जो पीढ़ियों से संस्कृति और संवाद का बोझ नहीं, बल्कि आनंद ढोती आई है. भारत में इसे मातृभाषा के रूप में बोलने वाले लोग 528 मिलियन (52.8 करोड़) से ज्यादा हैं.

दुनिया भर के हिन्दी बोलने वालों को जोड़कर देखा जाए तो यह संख्या 600 मिलियन के आसपास पहुँच जाती है. यानी कुल जनसंख्या का बड़ा हिस्सा हिन्दी में हँसता, सोचता और प्यार जताता है.

भाषाओं की दुनिया में हिन्दी की रैंकिंग भी कम धांसू नहीं है. मातृभाषा बोलने वालों की सूची में यह दुनिया की शीर्ष चार भाषाओं में शुमार है. वहीं जब दूसरी या तीसरी भाषा के रूप में बोले जाने की बात आए, तो हिन्दी तीसरे से चौथे स्थान के बीच आकर खड़ी हो जाती है.

भारत जैसे बड़े और बहु-आयामी देश में हिन्दी एक साझा पुल की तरह काम करती है. यह न सिर्फ उत्तर भारत की प्रमुख बोली है, बल्कि देश के लगभग हर कोने में इसे दूसरा भाषा विकल्प के तौर पर सीखने और अपनाने वालों की अच्छी खासी तादाद है. नेपाल से लेकर खाड़ी देशों तक और मॉरीशस से लेकर अमेरिका-कनाडा तक के प्रवासी समुदायों में भी हिन्दी अपनी लोकपसंद धुन बजाती रहती है.

कई विशेषज्ञ इस बात की ओर इशारा करते हैं कि हिन्दी सिर्फ इसलिए सफल नहीं है कि इसे बोलने वालों की गिनती बहुत है. असली जादू इसकी मीडिया ताकत है. बॉलीवुड की फ़िल्में, हिन्दी टीवी कंटेंट, सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर छाई हिन्दी कहानियाँ दुनिया में इसकी पहुँच को और तेज़ी से बढ़ा रही हैं.

फिर भी एक दिलचस्प विरोधाभास सामने आता है. इंटरनेट की दुनिया में हिन्दी अभी भी अपनी पूरी ताकत से मैदान में नहीं उतरी. बोलने वालों की संख्या से तुलना करें तो ऑनलाइन हिन्दी कंटेंट की मौजूदगी काफी कम दिखाई देती है. विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में यही क्षेत्र हिन्दी को और ऊँचाइयों तक ले जा सकता है.

भाषाई विविधता भारत की खूबसूरती है. और इसी विविधता के बीच हिन्दी वह बुनावट है जो देश की अलग-अलग बोलियों को कहीं न कहीं एक सूत्र में जोड़े रखती है. यही वजह है कि हिन्दी सिर्फ एक भाषा नहीं, बल्कि हमारी पहचान का एक साझा अनुभव है.

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मैं सुमित कुमार एक पत्रकार हूं जो सभी राज्यों की स्थानीय खबरों को कवर करता हूं। मेरे द्वारा रिपोर्ट की गई खबरें समाज के महत्वपूर्ण मुद्दों और घटनाओं को उजागर करती हैं, जिससे जनता को सही और सटीक जानकारी मिलती है। मुझे पत्रकारिता के माध्यम से लोगों की आवाज बनना और उनके मुद्दों को मुख्यधारा में लाना पसंद है।
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