Monsoon: देश में सर्दी का मौसम आमतौर पर अक्टूबर से जनवरी तक रहता है, लेकिन इस साल मौसम विशेषज्ञों ने कड़क ठंड और लंबी सर्दी की भविष्यवाणी की है। गर्म कपड़े जैसे स्वेटर, जैकेट, मफलर और शॉल को पहले से ही तैयार कर लें, क्योंकि इस बार ठंड अधिक लंबी और तीव्र हो सकती है।
ला नीना: ठंड का प्रमुख कारण
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार ला नीना के समय से पहले सक्रिय होने की संभावना है। ला नीना एक समुद्री पैटर्न है जिसमें प्रशांत महासागर में पानी सामान्य से ठंडा हो जाता है और हवाओं में नमी बढ़ जाती है। इसका असर ठंड को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
मानसून का असर: सर्दी पर प्रभाव
आईएमडी के अनुसार, मानसून अक्टूबर तक सक्रिय रहेगा, जिससे बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। यह भी सर्दी के चक्र को प्रभावित करेगा। मानसूनी बारिश ने पहले उमस भरी गर्मी को कम किया था, लेकिन अब एक बार फिर से मानसून एक्टिव हो गया है, जिससे सर्दी में तेजी आ सकती है।
गर्मी का असर और बारिश की स्थिति
Monsoon: इस साल गर्मी ने रिकॉर्ड तोड़े थे और लू के कारण कई लोग प्रभावित हुए थे। मई और जून में अत्यधिक गर्मी ने लोगों को परेशान किया। लेकिन मानसून की बारिश ने गर्मी से राहत दिलाई। अब मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है और इसके जारी रहने की संभावना है, जिससे सर्दी का असर जल्द महसूस हो सकता है।