Indore में एक महिला ने पांच पुरुषों पर दुष्कर्म, मारपीट और नग्न डांस कराने का आरोप लगाया है। यह घटना इतनी गंभीर है कि पुलिस की ओर से 19 दिन तक कोई कार्रवाई नहीं की गई, केवल मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की दखल के बाद FIR दर्ज की गई। अब हाई कोर्ट ने मामले को 90 दिनों में निपटाने का आदेश दिया है, जो कि देरी और संभावित राजनीतिक हस्तक्षेप पर सवाल खड़े कर रहा है।
पीड़िता के आरोप
पीड़िता ने कानाड़िया पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें बताया कि घटना 11 जून को हुई थी। उसके मुताबिक, आरोपियों ने उसे एक गोदाम में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया और अजीब तरह के यौन अपराध किए। आरोपियों ने उसे बेल्ट से मारा और टीवी पर वीडियो देखने के बाद लगभग आधे घंटे तक नग्न डांस कराया। इसके बावजूद, पुलिस ने शिकायत पर कार्रवाई में देरी की, जो हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद ही शुरू हुई।
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FIR दर्ज करने में देरी और राजनीतिक विवाद
Indore: FIR की देरी ने राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है। राज्य कांग्रेस प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने आरोप लगाया कि बीजेपी के एक आरोपी के राजनीतिक संबंधों के कारण पुलिस ने कार्रवाई में देरी की। बीजेपी प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने आश्वस्त किया कि न्याय होगा, भले ही राजनीतिक दबाव के कारण मामला जटिल हो गया है। उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों से शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिससे मामला और जटिल हो गया है।
पुलिस की प्रतिक्रिया और हाई कोर्ट का निर्देश
पुलिस आयुक्त अभिषेक विश्वकर्मा ने कहा कि सबूतों के आधार पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस की कार्रवाई में देरी ने उनके कामकाज पर सवाल उठाए हैं। हाई कोर्ट की दखल के बाद मामले की जांच को गति मिली है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि पुलिस बिना किसी बाहरी दबाव के त्वरित कार्रवाई करे।
निष्कर्ष
Indore: जांच जारी है और अधिकारी पूरी पारदर्शिता के साथ मामले की जांच करने के लिए दबाव में हैं। अब यह देखना बाकी है कि क्या न्याय मिलता है और पीड़िता को उसकी हक की इंसाफ मिलती है या नहीं।