Kharif Crop: भारत में फसल बुवाई का रकबा 1,108.57 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जो पिछले साल की तुलना में 1.9 प्रतिशत अधिक है। धान, दलहन, तिलहन, बाजरा और गन्ने की बुवाई में सालाना आधार पर वृद्धि हुई है, जबकि कपास और जूट/मेस्ता की बुवाई में गिरावट दर्ज की गई है। धान की बुवाई में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, हालांकि चावल के निर्यात पर प्रतिबंधों के बाद कुछ प्रजातियों की बुवाई कम हुई है।
सरकार ने चावल के निर्यात पर कुछ शर्तें हटाई हैं, जिससे किसानों को राहत मिली है। इसके अलावा, दलहन फसलों जैसे अरहर, मूंग, उड़द की बुवाई में भी सकारात्मक वृद्धि देखी गई है।
खरीफ फसलों का सामान्य क्षेत्र और फसल सीजन
भारत में खरीफ फसलों की बुवाई मानसून की बारिश पर निर्भर करती है, जो जून-जुलाई में शुरू होती है और अक्टूबर-नवंबर में फसल कटाई के साथ समाप्त होती है। इस साल मानसून के दौरान 108 प्रतिशत बारिश ने किसानों की मदद की है, जिससे कृषि क्षेत्र के सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) में सुधार की संभावना है।