Kolkata Case: ममता बनर्जी की बर्खास्तगी की मांग करने वाले वकील को चंद्रचूड ने चेतावनी दी कोर्ट से बाहर निकाल दूंगा

Kolkata Case: भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) DY चंद्रचूड़ ने मंगलवार को एक वरिष्ठ अधिवक्ता को फटकार लगाई, जिसने कोर्ट से ममता बनर्जी को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के पद से हटाने की मांग की थी। यह मांग कोलकाता के RG कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में ममता बनर्जी की कथित विफलता को लेकर की गई थी।

CJI चंद्रचूड़ ने स्पष्ट किया कि अदालत राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करती है और यह आवश्यक नहीं है कि सरकार को बदलने का आदेश दिया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में उचित प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए और न्यायालय का सम्मान बनाए रखना चाहिए।

इस मामले ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है, क्योंकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सुरक्षा के मुद्दों को लेकर सवाल उठ रहे हैं। CJI का यह बयान मामले की गंभीरता को दर्शाता है और यह संकेत करता है कि न्यायालय का प्राथमिक उद्देश्य न्याय प्रदान करना है, न कि राजनीतिक हस्तक्षेप करना।

Kolkata Case: चंद्रचूड़ ने ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग करने वाले वकील को फटकारा कहा यह राजनीतिक मंच नहीं

जब कोर्ट अपनी सुनवाई समाप्त करने वाला था, एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग करते हुए एक इंटरलोक्यूटरी आवेदन दायर करने का प्रयास किया। इस पर मुख्य न्यायाधीश DY चंद्रचूड़ ने असंतोष व्यक्त करते हुए कहा, “यह राजनीतिक मंच नहीं है। हम यहाँ आपके राजनीतिक विचारों को सुनने के लिए नहीं हैं।” उन्होंने वकील को विधिक अनुशासन के नियमों का पालन करने की याद दिलाई और कहा कि न्यायालय का उद्देश्य केवल न्याय प्रदान करना है, न कि राजनीतिक चर्चाओं में शामिल होना। सीजेआई का यह स्पष्ट बयान कोर्ट की सीमाओं को दर्शाता है।

चंद्रचूड़ ने ममता बनर्जी के इस्तीफे की याचिका को ठुकराया: हम राजनीतिक चर्चाओं के लिए नहीं हैं

जब कोर्ट अपनी सुनवाई समाप्त करने ही वाला था, एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग करते हुए एक इंटरलोक्यूटरी आवेदन दायर करने की कोशिश की। इस पर सीजेआई DY चंद्रचूड़ ने असंतोष व्यक्त करते हुए कहा, “यह राजनीतिक मंच नहीं है। हम आपके राजनीतिक विचारों को सुनने के लिए यहाँ नहीं हैं।” उन्होंने वकील से विधिक अनुशासन के नियमों का पालन करने का आग्रह किया।


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