Kolkata के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त को एक 31 वर्षीय जूनियर डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष और ताल्हा पुलिस स्टेशन के पूर्व अधिकारी अभिजीत मंडल को शनिवार को गिरफ्तार किया। इन दोनों पर जांच में सहयोग न करने, एफआईआर दर्ज करने में देरी और सबूतों के साथ छेड़छाड़ के आरोप हैं। इस मामले में पहले ही आरोपी संजय रॉय पुलिस की हिरासत में है, जबकि जूनियर डॉक्टरों का प्रदर्शन अब भी जारी है।
जांच और गिरफ्तारी
सूत्रों के अनुसार, डॉ. संदीप घोष और अभिजीत मंडल ने मामले की जांच में सहयोग नहीं किया और सबूतों को छुपाने की कोशिश की। इससे पहले, डॉ. घोष को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने करप्शन के मामले में गिरफ्तार किया था और उनसे 150 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी।
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सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चीफ जस्टिस की बेंच को बताया कि क्राइम स्पॉट बदल दिया गया है। इस पर पश्चिम बंगाल सरकार के प्रतिनिधि कपिल सिब्बल ने इस दावे को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने में देरी और पुलिस द्वारा मामले की गलत जांच पर सवाल उठाया।
अभिजीत मंडल पर आरोप
सीबीआई ने पूर्व पुलिस अधिकारी अभिजीत मंडल से कई बार पूछताछ की और जांच में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया। मंडल की प्रमुख आरोपी संजय रॉय के साथ नजदीकियों के चलते उन पर और भी गंभीर सवाल खड़े हुए हैं। संजय रॉय ने नार्को टेस्ट कराने से इनकार कर दिया है, जबकि सीबीआई ने अब तक 10 लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट किया है।
जूनियर डॉक्टरों का प्रदर्शन
इस जघन्य अपराध के बाद, कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों का प्रदर्शन लगातार जारी है। तेज बारिश के बावजूद डॉक्टर इंसाफ की मांग करते हुए सड़कों पर डटे हुए हैं। इस मामले ने पूरे देश का ध्यान खींचा है, और पीड़िता के लिए न्याय की मांग तेज होती जा रही है।