Mahindra: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा धवल बुच, जोकि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच के पति हैं, पर हितों के टकराव के आरोप लगाए गए हैं। इस पर महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) ने एक आधिकारिक बयान जारी कर अपना पक्ष रखा है।
कांग्रेस के आरोपों का जवाब
कांग्रेस का आरोप है कि M&M द्वारा धवल बुच को किए गए भुगतान SEBI के फैसलों से जुड़े हुए हैं, जिन पर माधबी बुच का नेतृत्व है। कांग्रेस का दावा है कि यह हितों का टकराव है और SEBI की निष्पक्षता पर सवाल उठाता है।
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महिंद्रा एंड महिंद्रा का स्पष्टीकरण
M&M ने बिना किसी राजनीतिक दल का नाम लिए, अपने बयान में किसी भी तरह के गलत काम से इनकार किया है। कंपनी ने बताया कि धवल बुच को 2019 में नियुक्त किया गया था, जोकि माधबी पुरी बुच के SEBI अध्यक्ष बनने से तीन साल पहले की बात है।
धवल बुच की विशेषज्ञता के आधार पर नियुक्ति
महिंद्रा ने स्पष्ट किया कि धवल बुच की नियुक्ति उनकी “सप्लाई चेन और सोर्सिंग” में विशेषज्ञता के आधार पर की गई थी। धवल बुच ने महिंद्रा समूह की सप्लाई चेन कंसल्टिंग सहायक कंपनी ब्रिस्टलकोन में काम किया और अब वे इस कंपनी के बोर्ड में शामिल हैं।
SEBI से कोई विशेष लाभ नहीं मांगा
M&M ने स्पष्ट रूप से कहा कि SEBI से कोई विशेष लाभ नहीं मांगा गया। साथ ही कंपनी ने उन पांच SEBI आदेशों का विवरण दिया, जिनका कांग्रेस ने अपने आरोपों में उल्लेख किया था। इनमें से तीन आदेशों में महिंद्रा या उसकी सहायक कंपनियों की कोई भूमिका नहीं थी। एक आदेश एक फास्ट-ट्रैक राइट्स इश्यू से संबंधित था, जिसमें SEBI की मंजूरी की जरूरत नहीं थी, और एक अन्य आदेश धवल बुच के महिंद्रा से जुड़ने से एक साल पहले का था।
कांग्रेस की मांग और SEBI की स्थिति
कांग्रेस का कहना है कि माधबी बुच ने अपने पति के एगॉरा एडवाइजरी के साथ संबंधों को “जानबूझकर छुपाया” है, जिससे SEBI की निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं। विपक्षी दल ने SEBI प्रमुख के इस्तीफे की मांग की है, यह कहते हुए कि यह छुपाव नैतिक और नियामक मानकों का उल्लंघन करता है।