मणिपुर में QNet fraud ने व्यापक स्तर पर हड़कंप मचा दिया है। 2,000 से अधिक लोगों ने इस नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी पर पिरामिड स्कीम के नाम पर ठगी का आरोप लगाया है। इस घोटाले से पीड़ित लोग न्याय की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन सरकार की चुप्पी ने जनता के विश्वास को कमजोर कर दिया है।
QNet Fraud: पीड़ितों की शिकायत और ठोस सबूत
मणिपुर क्यूनेट फ्रॉड विक्टिम्स वेलफेयर एसोसिएशन ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर इस घोटाले की सच्चाई उजागर की। उन्होंने साइबर क्राइम विभाग और सीआईडी को जरूरी सबूत, जैसे चैट ट्रांसक्रिप्ट्स और पेमेंट रसीदें, सौंपे हैं। इसके बावजूद, प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
अन्य राज्यों की कार्रवाई और मणिपुर की निष्क्रियता
भारत के महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों ने क्यूनेट के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। इन राज्यों में कंपनी की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और कानूनी कार्रवाई भी हुई है। इसके विपरीत, मणिपुर में सरकार की निष्क्रियता ने प्रशासनिक विफलता के संकेत दिए हैं।
सोशल मीडिया पर बढ़ती नाराजगी
पीड़ितों की गवाही और उनकी परेशानियां सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। लोग सरकार से त्वरित कार्रवाई और जागरूकता अभियान चलाने की मांग कर रहे हैं।
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सरकार की चुप्पी पर सवाल
क्यूनेट फ्रॉड से पीड़ित लोग न्याय की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार की चुप्पी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यह न केवल जनता के विश्वास को कमजोर करता है, बल्कि इसे एक गंभीर प्रशासनिक विफलता भी बनाता है। अब समय आ गया है कि मणिपुर सरकार इस मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई करे और नागरिकों को इस धोखाधड़ी से बचाए।