Manipur एक बार फिर हिंसा की चपेट में है, और राज्य में उग्रवादियों के हमलों के बढ़ने के बीच सुरक्षा बलों की तैनाती भी बढ़ा दी गई है। इस स्थिति से निपटने के लिए मणिपुर पुलिस ने मीडियम मशीन गन (MMG) खरीदी है, जो आमतौर पर पुलिस या अर्धसैनिक बलों द्वारा इस्तेमाल नहीं की जाती है। यह हथियार युद्ध क्षेत्र में दुश्मनों पर गोलियों की बौछार करने के लिए उपयोग किया जाता है। इस फैसले के बाद सवाल उठ रहा है कि मणिपुर में कुछ बड़ा होने वाला है।
उग्रवादियों द्वारा ड्रोन और अत्याधुनिक हथियारों के इस्तेमाल के चलते सरकार सतर्क हो गई है। माना जा रहा है कि मणिपुर पुलिस को उपद्रवियों से निपटने के लिए अब एमएमजी जैसे खतरनाक हथियार से लैस किया जा रहा है।
मणिपुर में चल रहे मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय संघर्ष के बीच, कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर हमला बोला है। मणिपुर प्रदेश कांग्रेस समिति के उपाध्यक्ष लामतिंथांग हाओकिप ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि पहले से ही हिंसाग्रस्त राज्य में अब पुलिस को मीडियम मशीन गन के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी गई है। उन्होंने कहा, “आइए देखते हैं इसका इस्तेमाल कैसे और किस पर होता है।”
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पुलिसकर्मियों को एमएमजी की ट्रेनिंग देने के लिए मणिपुर पुलिस ने भारतीय सेना से मदद मांगी है। मणिपुर सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि मणिपुर पुलिस के पास पहले से ही एमएमजी मौजूद थीं, जो जबलपुर की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से खरीदी गई थीं। पुलिस ने सेना की 57वीं माउंटेन डिवीजन से प्रशिक्षण के लिए मदद मांगी है, और यह ट्रेनिंग 9 सितंबर से शुरू होकर 21 दिनों तक चलेगी।
गौरतलब है कि मणिपुर पुलिस पहले लाइट मशीन गन (LMG) का इस्तेमाल करती थी, लेकिन पिछले साल मई-जून में जातीय संघर्ष के दौरान कई एलएमजी लूट ली गई थीं।