National Task: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गठित नेशनल टास्क फोर्स (एनटीएफ) मेडिकल प्रोफेशनल्स की सुरक्षा, कामकाजी परिस्थितियों, और कल्याण से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए प्रभावी सिफारिशें तैयार करेगा। यह टास्क फोर्स मेडिकल पेशेवरों के खिलाफ हिंसा की रोकथाम और सुरक्षित कार्य परिस्थितियाँ सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
National Task: एनटीएफ द्वारा तैयार की गई सिफारिशों में शामिल हैं
- चिकित्सा प्रतिष्ठानों में सुरक्षा: अस्पतालों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष उपाय किए जाएंगे। आपातकालीन कक्ष और गहन देखभाल इकाइयों जैसे क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा की आवश्यकता होगी।
- सुरक्षा उपकरणों की स्थापना: प्रत्येक प्रवेश द्वार पर सामान और व्यक्ति की स्क्रीनिंग की जाएगी। अस्पताल यह सुनिश्चित करेगा कि हथियार अंदर न लाए जाएं।
यहां हमारे व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें - नशे में व्यक्तियों की रोकथाम: नशे में धुत्त व्यक्तियों को चिकित्सा प्रतिष्ठान में प्रवेश से रोका जाएगा, जब तक वे मरीज न हों।
- सुरक्षा कर्मियों का प्रशिक्षण: भीड़ और शोक संतप्त व्यक्तियों को प्रबंधित करने के लिए अस्पतालों में सुरक्षा कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- विश्राम कक्षों की व्यवस्था: पुरुष डॉक्टरों के लिए अलग विश्राम कक्ष और ड्यूटी रूम का प्रावधान किया जाएगा। महिला डॉक्टरों, पुरुष नर्सों, महिला नर्सों के लिए अलग-अलग विश्राम स्थान सुनिश्चित किया जाएगा।
- रोशनी और सीसीटीवी कैमरे: अस्पतालों में सभी स्थानों पर पर्याप्त रोशनी और सीसीटीवी कैमरों की स्थापना की जाएगी।
- रात की परिवहन व्यवस्था: अगर चिकित्सा पेशेवरों के छात्रावास अस्पताल से दूर हैं, तो रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच परिवहन की व्यवस्था की जाएगी।
यहां हमारे ट्विटर से जुड़ें - यौन हिंसा की रोकथाम: वर्किंग प्लेस पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 के तहत, अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में आंतरिक शिकायत समितियों का गठन किया जाएगा।
- 24×7 हेल्पलाइन नंबर: चिकित्सा पेशेवरों के लिए एक 24×7 हेल्पलाइन नंबर सुनिश्चित किया जाएगा, जो आपातकालीन संकट सुविधाएं प्रदान करेगा।
- अन्य सिफारिशें: एनटीएफ किसी भी अन्य पहलू पर सिफारिशें करने के लिए स्वतंत्र होगा, और सिफारिशों के कार्यान्वयन के लिए उचित समयसीमा भी सुझाएगा।
यह पहल मेडिकल प्रोफेशनल्स की सुरक्षा और कामकाजी परिस्थितियों में सुधार करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे चिकित्सा पेशेवरों को सुरक्षित और समर्पित कार्य वातावरण मिल सके।
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