Navratri 2024 Day 1: आज शारदीय नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि है, और इस दिन कलश स्थापना की जाती है। नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। पहले दिन मां शैलपुत्री की आराधना की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां शैलपुत्री हिमालयराज की पुत्री हैं, और उनकी पूजा करने से सुख, समृद्धि और हर प्रकार की मनोकामना पूरी होती है।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त कन्या लग्न में है। इस वर्ष तीन दुर्लभ और शुभ योग बन रहे हैं, जिनमें मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी।
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ: 3 अक्टूबर 2024, 12:18 एएम
प्रतिपदा तिथि समाप्त: 4 अक्टूबर 2024, 02:58 एएम
कलश स्थापना मुहूर्त: 3 अक्टूबर 2024, 06:15 एएम से 07:21 एएम
अवधि: 1 घंटा 06 मिनट
अभिजित मुहूर्त: 11:46 एएम से 12:33 पीएम (47 मिनट)
मां शैलपुत्री की पूजा विधि
प्रातः स्नान कर निवृत्त हो जाएं और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
कलश की स्थापना करें और मां शैलपुत्री का ध्यान करें।
मां शैलपुत्री के चित्र को स्थापित करें।
मां को कुमकुम और अक्षत अर्पित करें।
सफेद फूल और सफेद वस्त्र अर्पित करें।
मां शैलपुत्री की आरती करें और भोग लगाएं।
मां शैलपुत्री का बीज मंत्र और प्रार्थना मंत्र
बीज मंत्र: ह्रीं शिवायै नम:
प्रार्थना मंत्र:
वन्दे वांच्छित लाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्।।
मां शैलपुत्री की आरती
शैलपुत्री मां बैल पर सवार। करें देवता जय जयकार।
शिव शंकर की प्रिय भवानी। तेरी महिमा किसी ने ना जानी।
… (पूरी आरती)