केंद्रीय मंत्री Nitin Gadkari ने सुनाई आपबीती: ‘सुपारी पत्रकार’ को पिटवाने के बाद बंद हुआ अखबार

नागपुर में शनिवार को केंद्रीय मंत्री Nitin Gadkari ने प्रेस क्लब में आयोजित स्वर्गीय अनिल कुमार पत्रकारिता पुरस्कार समारोह के दौरान पत्रकारों और आरटीआई (राइट टू इनफॉरमेशन) के इस्तेमाल पर अपने विचार व्यक्त किए। गडकरी ने कहा कि लोकतंत्र में पत्रकारिता एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, लेकिन इसके साथ ही कुछ पत्रकारों ने इसका दुरुपयोग भी किया है। उन्होंने कहा, “आजकल RTI के तहत काम करने वाले कुछ पत्रकारों ने इसका इतना फायदा उठाया है कि उन्होंने मर्सिडीज गाड़ियां तक खरीद ली हैं।”

RTI से लाभ उठाने वाले ‘सुपारी पत्रकार’

गडकरी ने अपने बयान में ‘सुपारी पत्रकारों’ का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ पत्रकार RTI के जरिए अधिकारियों को ब्लैकमेल करते हैं। उन्होंने एक उदाहरण साझा किया जब वह मंत्री थे, और एक पत्रकार पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को ब्लैकमेल कर रहा था। गडकरी ने कहा, “मैंने अधिकारियों से कहा कि अगर वह ब्लैकमेल करने आता है तो उसे अंदर बंद करो और उसे ठीक से सबक सिखाओ, लेकिन खून नहीं निकलना चाहिए। इसके बाद उस पत्रकार का अखबार निकलना बंद हो गया।”

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एडवर्टाइजमेंट की मांग पर भी की टिप्पणी

गडकरी ने मराठवाड़ा का एक और किस्सा साझा किया, जहां एक पत्रकार लगातार एडवर्टाइजमेंट की मांग करता था। उन्होंने कहा, “अधिकारी मुझसे कहता था कि इस पत्रकार के कारण वह डर में जी रहा है।”

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पत्रकारों के संगठन को दी नसीहत

गडकरी ने कहा कि पत्रकारों के संगठनों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसे अथॉरिटी कार्ड दिया जाए और किसे नहीं। उन्होंने ऐसे पत्रकारों की भी सराहना की, जिन्होंने आपातकाल के दौरान अपने उसूलों से समझौता नहीं किया और जेल भी गए, लेकिन अपनी पत्रकारिता का आदर्श नहीं छोड़ा।

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