Thursday, 18 Sep 2025
  • My Feed
  • History
YouTube
Hindi States Hindi states
  • Home
  • देश
    • मध्य प्रदेश
    • छत्तीसगढ
    • राजस्थान
    • पंजाब
    • झारखंड
    • उत्तराखंड
    • बिहार
  • ट्रेंडिंग
  • मनोरंजन
  • दिल्ली-NCR
  • उत्तर प्रदेश
  • स्टार्ट अप
  • वेब स्टोरी
  • क्रिप्टो
  • Pages
    • About Us
    • Terms and Conditions 
    • Privacy Policy 
  • Contact Us
  • 🔥
  • उत्तर प्रदेश
  • ट्रेंडिंग
  • देश
  • दिल्ली-NCR
  • राजस्थान
  • बिहार
  • उत्तराखंड
  • UP News
  • मध्य प्रदेश
  • मनोरंजन
Font ResizerAa
Hindi StatesHindi States
  • Home
  • देश
  • ट्रेंडिंग
  • मनोरंजन
  • दिल्ली-NCR
  • उत्तर प्रदेश
  • स्टार्ट अप
  • वेब स्टोरी
  • क्रिप्टो
Search
  • Home
  • देश
    • मध्य प्रदेश
    • छत्तीसगढ
    • राजस्थान
    • पंजाब
    • झारखंड
    • उत्तराखंड
    • बिहार
  • ट्रेंडिंग
  • मनोरंजन
  • दिल्ली-NCR
  • उत्तर प्रदेश
  • स्टार्ट अप
  • वेब स्टोरी
  • क्रिप्टो
Have an existing account? Sign In
Follow US
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
Hindi States > देश > पूर्व मुख्य न्यायाधीशों ने ‘One Nation One Election’का समर्थन किया; 3 पूर्व उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों ने जताई आपत्ति
देश

पूर्व मुख्य न्यायाधीशों ने ‘One Nation One Election’का समर्थन किया; 3 पूर्व उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों ने जताई आपत्ति

पलक पाठक
Last updated: September 19, 2024 6:46 pm
पलक पाठक
Share
one nation one election
SHARE

‘One Nation One Election’ की पहल पर देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीशों के बीच समर्थन और विरोध के स्वर सामने आ रहे हैं। कई पूर्व मुख्य न्यायाधीशों ने इस विचार का समर्थन किया है, उनका मानना है कि इससे देश की संसदीय और विधानसभा चुनावों की प्रक्रिया को अधिक संगठित और सुसंगत बनाया जा सकता है। उनका कहना है कि यह न केवल चुनावी खर्चों को कम करेगा, बल्कि प्रशासनिक दक्षता भी बढ़ाएगा।

Contents
‘One Nation One Election’ पर चार पूर्व मुख्य न्यायाधीशों का समर्थन, कुछ ने जताई आपत्तिपूर्व मुख्य न्यायाधीशों का समर्थनसंविधान संशोधन और क्रियान्वयन की रणनीतिन्यायिक समर्थन के बावजूद कुछ ने जताई आपत्तिविकास और निर्णय प्रक्रिया में बाधा

हालांकि, तीन पूर्व उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों ने इस पहल पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि ‘एक देश, एक चुनाव’ का विचार भारतीय संघीय ढांचे को कमजोर कर सकता है। वे यह तर्क देते हैं कि इस योजना से राज्यों की स्वतंत्रता और स्वायत्तता पर खतरा हो सकता है, और इसका संविधान के संघीय सिद्धांतों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

यह विवादित मुद्दा अब राजनीतिक और कानूनी बहस का विषय बन गया है, जहां समर्थन और विरोध की दोनों आवाजें जोर पकड़ रही हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में इस पर क्या कानूनी और राजनीतिक निर्णय लिए जाते हैं।

‘One Nation One Election’ पर चार पूर्व मुख्य न्यायाधीशों का समर्थन, कुछ ने जताई आपत्ति

One Nation, One Election की पहल पर भारतीय राजनीति और न्यायपालिका में चर्चा जोरों पर है। हाल ही में, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी उच्चस्तरीय समिति ने इस प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया। समिति ने देशभर में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की, जिससे चुनावी खर्च कम करने और प्रशासनिक सुधार लाने की उम्मीद जताई जा रही है।

पूर्व मुख्य न्यायाधीशों का समर्थन

उच्चस्तरीय समिति द्वारा परामर्श किए गए चार पूर्व मुख्य न्यायाधीशों ने इस पहल का समर्थन किया है। इन पूर्व सीजेआई में दीपक मिश्रा, रंजन गोगोई, शरद अरविंद बोबडे और यूयू ललित शामिल हैं। इन सभी ने व्यक्तिगत रूप से विचार-विमर्श किया और लिखित में अपनी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने ‘एक देश, एक चुनाव’ के विचार का समर्थन किया।

  • दीपक मिश्रा: 28 फरवरी को लिखे गए एक पत्र में पूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह दावा कि ‘एक देश, एक चुनाव’ संविधान के बुनियादी ढांचे, संघवाद, या लोकतांत्रिक सिद्धांतों के खिलाफ है, निराधार है।
  • रंजन गोगोई: पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ने इस योजना का समर्थन करते हुए कई फायदे गिनाए, जिनमें चुनावी खर्च की बचत, प्रशासनिक सरलता, मतदाता जुड़ाव में वृद्धि, और पैसे व बाहुबल के प्रभाव को कम करना शामिल है। उन्होंने इसे लागू करने के लिए संवैधानिक संशोधन की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
  • शरद अरविंद बोबडे: फरवरी 2024 में रामनाथ कोविंद से मुलाकात के दौरान बोबडे ने कहा कि एक साथ चुनाव कराने से लोकतांत्रिक और संघीय ढांचे पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
  • यूयू ललित: 49वें मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित ने कहा कि बार-बार चुनाव कराने से विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न होती है, क्योंकि बार-बार आचार संहिता लागू हो जाती है। एक साथ चुनाव से न केवल लोकतांत्रिक सिद्धांत मजबूत होंगे, बल्कि सार्वजनिक खर्च भी कम होगा।

संविधान संशोधन और क्रियान्वयन की रणनीति

पूर्व मुख्य न्यायाधीशों ने इस पहल को लागू करने के लिए आवश्यक संवैधानिक संशोधनों की आवश्यकता पर भी जोर दिया। रंजन गोगोई ने सुझाव दिया कि ‘एक देश, एक चुनाव’ के लिए सर्वसम्मति बनानी होगी, एक मजबूत विधायी ढांचे का निर्माण करना होगा और मतदाताओं में जागरूकता बढ़ानी होगी। इस पहल का उद्देश्य लोकतंत्र को और भी सशक्त बनाना है, जिसमें चुनावी प्रक्रिया में सुधार और अधिक मतदाता जुड़ाव पर विशेष ध्यान दिया गया है।

न्यायिक समर्थन के बावजूद कुछ ने जताई आपत्ति

हालांकि, न्यायिक समुदाय में इस पहल पर व्यापक समर्थन है, लेकिन कुछ पूर्व न्यायाधीशों ने इसके खिलाफ आपत्ति भी जताई है। रिपोर्ट के अनुसार, बारह पूर्व उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों से भी परामर्श लिया गया था, जिनमें से नौ ने ‘एक देश, एक चुनाव’ का समर्थन किया, जबकि तीन ने इसके खिलाफ आपत्ति जताई। उनकी चिंता यह थी कि यह पहल संघीय ढांचे और राज्यों की स्वायत्तता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।

विकास और निर्णय प्रक्रिया में बाधा

यूयू ललित ने बार-बार चुनावों के कारण उत्पन्न आचार संहिता और निर्णय प्रक्रिया में आने वाली बाधाओं को रेखांकित किया। उनके अनुसार, बार-बार आचार संहिता लागू होने से सरकारी योजनाओं और विकास कार्यों में देरी होती है, जिससे निर्णय प्रक्रिया प्रभावित होती है। इसके चलते एक साथ चुनाव कराने से इस समस्या का समाधान किया जा सकता है।

और पढ़ें

Share This Article
Twitter Email Copy Link Print
Previous Article शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने PM Modi को लेकर बोल दिया कुछ ऐसा, जिससे मच गया बवाल शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने PM Modi को लेकर बोल दिया कुछ ऐसा, जिससे मच गया बवाल
Next Article Viral Videos: महिला का हो रहा था ब्रेम ट्यूमर का ऑपरेशन और वो देख रही थी जूनियर NTR की फिल्म, वीडियो हुआ वायरल Andhra Pradesh: महिला का हो रहा था ब्रेम ट्यूमर का ऑपरेशन और वो देख रही थी जूनियर NTR की फिल्म, वीडियो हुआ वायरल

हिंदी स्टेट में आपका स्वागत है

आपके राज्य की हर छोटी-बड़ी खबर, सीधे आपके पास। स्थानीय मुद्दे, घटनाएँ और अपडेट्स, सब कुछ हिंदी में। जुड़ें और अपने क्षेत्र की ख़बरों से जुड़े र
FacebookLike
TwitterFollow
InstagramFollow
YoutubeSubscribe
Google NewsFollow
RSS FeedFollow
- Friends Media -
friends media

Popular Posts

Aligarh में रिमांड प्रक्रिया के दौरान अधिकारी पर शिकायत, आरोप अभद्रता और धमकी का

Aligarh: गमा बन्ना देवी थाने में पंजीकृत मुष्अक्षर 684/24 U15-817(23,31743.317(5) BNS के तहत पांच अभियुक्तों—अदीब,…

By सुमित कुमार

UP: भीषण आग में जलकर खाक हुआ लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर तीन मंजिला इमारत

UP: लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर आज एक तीन मंजिला इमारत में भीषण आग लग गई, जिससे…

By मनीष कुमार राणा

Firozabad में साम्प्रदायिक तनाव की कोशिश नाकाम, पुलिस और समुदाय के लोगों ने स्थिति संभाली

Firozabad कल देर रात उत्तर थाना क्षेत्र के सेंट्रल चौराहे पर साम्प्रदायिक तनाव फैलाने की…

By मनीष कुमार राणा

You Might Also Like

ऑनलाइन गेमिंग की अंधेरी दुनिया में Apex Suryoday और OrielFin की भूमिका पर उठे सवाल
देश

ऑनलाइन गेमिंग की अंधेरी दुनिया में Apex Suryoday और OrielFin की भूमिका पर उठे सवाल

By प्रदीपक वर्मा
Vantara
देश

Delhi High Court ने Vantara की याचिका खारिज की, Himal Southasian की रिपोर्ट पर रोक से इनकार

By अंकुर सिंह
cininfo-screenwriters-lab-2025-hindi-news
देश

Cininfo Screenwriters Lab 2025 लॉन्च: उभरते राइटर्स के लिए Nikkhil Advani और SGFA का बड़ा कदम

By अंकुर सिंह
kanpuR
उत्तर प्रदेशदेश

कानपुर: पुलिस लाइन में तैनात सिपाही से मारपीट के आरोपी ने चौकी के अंदर किया हमला, दो पुलिसकर्मी घायल

By Dharmendra Bajpai
Hindi States Hindi states
Facebook Twitter Youtube Rss

About US

हिंदी स्टेट्स एक प्रमुख समाचार वेबसाइट है जो आपको ताज़ा और विश्वसनीय समाचार प्रदान करती है। हम आपको हर तरह की खबरें उपलब्ध कराते हैं, चाहे वह देशभर की हो या आपके अपने शहर की। हमारे पास हाइपर लोकल और लोकल खबरों का सबसे सटीक और विस्तृत कवरेज है। हिंदी स्टेट्स के साथ जुड़े रहें और पाएं हर खबर सबसे पहले।

Top Categories
  • दिल्ली-NCR
  • उत्तर प्रदेश
  • उत्तराखंड
  • बिहार
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
Usefull Links
  • Home
  • About Us
  • Contact Us
  • Privacy Policy 
  • Terms and Conditions 

Copyright © 2024 Hindi States

Go to mobile version
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?