नई दिल्ली। भारत में ऑनलाइन गेमिंग का कारोबार जिस तेज़ी से फैल रहा है, उसी गति से इसके वित्तीय पहलुओं पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। The Head and Tale की एक हालिया जांच रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि वित्तीय सेवा से जुड़ी कंपनियां Apex Suryoday और OrielFin इस पूरी शैडो इकोनॉमी का अहम हिस्सा मानी जा रही हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, ये दोनों कंपनियां खुद गेमिंग प्लेटफॉर्म नहीं चलातीं, लेकिन इनके जरिए होने वाले लेन-देन से भारी रकम औपचारिक बैंकिंग व्यवस्था से बाहर चली जाती है। Apex Suryoday पर आरोप है कि उसने बड़ी मात्रा में गेमिंग से जुड़े पेमेंट्स को ऑफ़शोर अकाउंट्स में ट्रांसफर किया और कई परतों वाले नेटवर्क के जरिए अंतिम लाभार्थियों को छिपाया। दूसरी ओर, OrielFin को लेकर कहा गया है कि यह कंपनी क्रिप्टो वॉलेट्स और शेल कंपनियों का इस्तेमाल कर सीमापार लेन-देन को आसान बनाती है।
इन गतिविधियों ने प्रवर्तन एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) फिलहाल यह जांच कर रहा है कि क्या इन कंपनियों ने मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी को सक्षम बनाने के लिए जानबूझकर ऐसी संरचनाएं खड़ी कीं। वित्तीय विशेषज्ञ मानते हैं कि पैटर्न साफ है — सामने गेमिंग ऐप्स हैं जो लोगों को आकर्षित करते हैं, जबकि पर्दे के पीछे Apex Suryoday और OrielFin जैसे मध्यस्थ पैसों को इधर-उधर घुमाकर उसे ट्रैक करना मुश्किल बना देते हैं।
भारत का ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर अगले दो साल में 8 से 10 अरब डॉलर का हो सकता है। लेकिन विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि यदि समय रहते वित्तीय निगरानी नहीं बढ़ाई गई, तो यह उद्योग टैक्स चोरी और अवैध पैसों के लेन-देन का गढ़ बन सकता है। आरबीआई, सेबी और ईडी के बीच बेहतर समन्वय की ज़रूरत बताई जा रही है ताकि फिनटेक और एनबीएफसी कंपनियों पर सख्त निगरानी रखी जा सके।
The Head and Tale की रिपोर्ट के निष्कर्ष में कहा गया है कि Apex Suryoday और OrielFin पर बढ़ती जांच यह दिखाती है कि भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था में नवाचार और अवैध गतिविधियों के बीच की रेखा बेहद धुंधली है और इसे अब और स्पष्ट करने की ज़रूरत है।