राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख Mohan Bhagwat ने विजयादशमी उत्सव के अवसर पर नागपुर में शस्त्र पूजन के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों पर अपनी राय व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के हिंदुओं को अब एकजुट होना होगा और भारत सरकार को भी उनकी मदद करनी चाहिए। इस बयान के बाद देश में सियासी पारा बढ़ गया है, और कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भागवत पर तीखा हमला बोला है।
Mohan Bhagwat: पवन खेड़ा का तंज: “अगर अल्पसंख्यक कहते तो आपत्ति होती”
यहां हमारे व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने मोहन भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “अगर यही बात इस देश के अल्पसंख्यक लोग कहते, तो आप को समस्या हो जाती। ये कह रहे हैं कि विश्व के हिंदू एक हों, लेकिन जब ओवैसी संसद में ‘जय फिलिस्तीन’ कहते हैं, तो आपको आपत्ति होती है।” खेड़ा ने संघ प्रमुख के बयान की तुलना अल्पसंख्यकों के मुद्दों से करते हुए कहा कि यह दोहरा मापदंड है।
मोहन भागवत ने क्या कहा?
मोहन भागवत ने अपने संबोधन में कहा, “बांग्लादेश में हाल ही में हुई घटनाओं के तात्कालिक कारण हो सकते हैं, लेकिन वहां हिंदुओं पर अत्याचार की परंपरा फिर से दोहराई गई। पहली बार, हिंदू एकजुट होकर अपनी रक्षा के लिए सड़कों पर उतरे।
लेकिन जब तक कट्टरपंथी प्रवृत्ति बनी रहेगी, वहां के सभी अल्पसंख्यक खतरे में रहेंगे।” उन्होंने आगे कहा, “बांग्लादेश के हिंदुओं को पूरी दुनिया के हिंदुओं और भारत सरकार की मदद की ज़रूरत है। हमें एकजुट और सशक्त होने की ज़रूरत है, ताकि अत्याचार न हो।”
बढ़ती सियासत
मोहन भागवत के इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के नेता इसे लेकर संघ प्रमुख और भाजपा पर निशाना साध रहे हैं। वहीं, भाजपा और संघ समर्थक भागवत के बयान का समर्थन कर रहे हैं, इसे हिंदुओं के संरक्षण की दिशा में एक कदम मान रहे हैं।