Thiruvananthapuram: आवारा कुत्तों के नमूनों में रेबीज के बढ़ते मामले, निगम ने बनाई उपायों की योजना

Thiruvananthapuram: राज्य पशु रोग संस्थान (SIAD) पलोंडे में जांचे गए एक चौथाई से अधिक आवारा कुत्तों के नमूनों में रेबीज पॉजिटिव पाया गया है। अप्रैल से जुलाई तक, राजधानी के विभिन्न हिस्सों से लिए गए 57 आवारा कुत्तों के शवों के नमूनों की जांच की गई, जिनमें से 15 नमूनों में रेबीज की पुष्टि हुई है। इसके अलावा, हाल ही में आयुर्वेद कॉलेज जंक्शन और विलप्पिलसला में हुए कुत्तों के काटने की घटनाओं के नमूनों में भी रेबीज पाया गया।

SIAD की भूमिका और रेबीज मामलों में वृद्धि

SIAD, राज्य के पांच प्रमुख रेबीज परीक्षण केंद्रों में से एक है और पशुपालन विभाग के तहत आता है। यहां अक्सर पशु चिकित्सक आवारा जानवरों के शवों की रेबीज जांच के लिए नमूने भेजते हैं। SIAD के रोग जांच अधिकारी, डॉ. संजय देवराजन के अनुसार, यह वृद्धि मुख्य रूप से पशु जन्म नियंत्रण (ABC) कार्यक्रम में आ रही समस्याओं का परिणाम है। उन्होंने कहा, “हाल के नियमों में बदलाव के कारण ABC कार्यक्रम की प्रभावशीलता प्रभावित हो रही है। प्रजनन चक्र को तोड़ने के लिए इसे अभियान के रूप में लागू करना आवश्यक है।

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तिरुवनंतपुरम नगर निगम के एंटी-रेबीज कदम

Thiruvananthapuram: नगर निगम ने आवारा कुत्तों के हमलों में वृद्धि को देखते हुए एंटी-रेबीज उपायों को बढ़ाने की योजना बनाई है। इसके तहत ABC कार्यक्रम और टीकाकरण प्रयासों को विस्तार दिया जाएगा। निगम ने एनजीओ Compassion for Animal Welfare Association (CAWA) के साथ टीकाकरण अभियान को तेज करने के लिए समझौते को नवीनीकृत किया है।

आवारा कुत्तों पर सर्वेक्षण और ABC सर्जरी

हाल ही में निगम और CAWA द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, तिरुवनंतपुरम निगम क्षेत्र में लगभग 8,679 आवारा कुत्ते हैं, जिनमें से करीब 42% का बंध्याकरण हो चुका है। फिलहाल ABC सर्जरी केवल पीएमजी और पेट्टा के सरकारी पशु चिकित्सालयों में हो रही है।

टीकाकरण की चुनौतियाँ

डॉ. संजय ने कहा कि “टीकाकरण की प्रभावशीलता कई कारकों पर निर्भर करती है। आवारा कुत्तों में परजीवी का भारी बोझ होता है, जिससे उनके टीकाकरण के बाद एंटीबॉडी का स्तर कम हो सकता है।” SIAD ने अप्रैल से जुलाई के बीच कुत्तों के अलावा बिल्लियों, गीदड़ों, गाय, बकरी और तेंदुए के नमूनों की भी रेबीज जांच की है।

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मनीष कुमार एक उभरते हुए पत्रकार हैं और हिंदी States में बतौर Sub-Editor कार्यरत हैं । उनकी रुचि राजनीती और क्राइम जैसे विषयों में हैं । उन्होंने अपनी पढ़ाई IMS Noida से की है।
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