Rahul Gandhi : प्रहार करते हुए RSS प्रमुख मोहन भागवत के बयान को देशद्रोह करार दिया। भागवत ने कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर की प्रतिष्ठा का दिन “सच्ची स्वतंत्रता” का प्रतीक है, जबकि 1947 की आजादी नहीं।
यहां हमारे व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें
भागवत का बयान और विवाद

RSS प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर की प्रतिष्ठा के दिन को “प्रतिष्ठा द्वादशी” के रूप में मनाया जाना चाहिए। उन्होंने इसे भारत की “सच्ची स्वतंत्रता” का दिन बताया, जब भारत ने “पराचक्र” (विदेशी हमलों) से मुक्ति पाई।
Rahul Gandhi की प्रतिक्रिया
दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय के उद्घाटन पर राहुल गांधी ने कहा, “RSS प्रमुख का यह कहना कि भारत को 1947 में आजादी नहीं मिली, देश के हर नागरिक का अपमान है। यह बयान हमारे संविधान और स्वतंत्रता संग्राम का अपमान है।” उन्होंने इसे देशद्रोह बताते हुए कहा कि किसी और देश में ऐसा बयान देने पर गिरफ्तारी हो सकती थी।
गांधी ने कहा, “यह इमारत (कांग्रेस मुख्यालय) साधारण नहीं है। यह भारत की मिट्टी और करोड़ों लोगों के बलिदान से बनी है।” उन्होंने कहा कि RSS और कांग्रेस के बीच विचारों की लड़ाई है।
दो विचारधाराओं की लड़ाई
राहुल गांधी ने कहा, “कांग्रेस का विचार है कि भारत राज्यों का संघ है, जहां सभी भाषाएं, संस्कृतियां और समुदाय समान हैं। वहीं, RSS एक केंद्रीकृत और एकल विचारधारा को थोपना चाहता है। वे दलितों, अल्पसंख्यकों, पिछड़ों और आदिवासियों की आवाज को दबाना चाहते हैं।”
उन्होंने कहा कि जो लोग सत्ता में हैं, वे न तो संविधान में विश्वास करते हैं और न ही राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करते हैं। “वे चाहते हैं कि भारत एक गुप्त और छिपे हुए संगठन द्वारा चलाया जाए।”

भागवत पर तीखा हमला
राहुल गांधी ने भागवत के बयानों को “निराधार और अस्वीकार्य” बताते हुए कहा कि यह समय है कि ऐसे विचारों को खारिज किया जाए। उन्होंने कहा, “हम बीजेपी, RSS और भारतीय राज्य से लड़ाई लड़ रहे हैं, ताकि सभी के अधिकार सुरक्षित रह सकें।”