Rajasthan: डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा के समर्थन में VHP नेता ने वायरल रील पर दिया बड़ा बयान, कहा- “दलित हैं इसलिए बना रहे निशाना”

Rajasthan में भारतीय जनता पार्टी ने अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को सत्ता से बेदखल करते हुए एक नया मॉडल पेश किया, जिसमें एक मुख्यमंत्री और दो डिप्टी सीएम शामिल हैं। पहली बार के विधायक भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया गया, जबकि दिव्या कुमारी और दलित नेता प्रेमचंद बैरवा को उपमुख्यमंत्री का पद सौंपा गया। विशेष रूप से, प्रेमचंद बैरवा राज्य के पहले दलित उपमुख्यमंत्री हैं, जिनकी हाल ही में एक वायरल रील के कारण विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं।

प्रेमचंद बैरवा पर विपक्ष के हमले

प्रेमचंद बैरवा के बेटे की एक वायरल रील के बाद से, विपक्ष उन पर लगातार हमले कर रहा है। इस रील में उनके बेटे आशु बैरवा को सुरक्षा गाड़ी के साथ देखा गया, जो विपक्ष के लिए आलोचना का केंद्र बन गई। हालांकि, बैरवा ने सफाई दी है कि उनके बेटे ने कोई यातायात नियम नहीं तोड़ा और वह अभी नाबालिग है। उनका यह भी कहना है कि बेटे को उन्होंने समझा दिया है, और भविष्य में ऐसी कोई घटना नहीं होगी।

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VHP का समर्थन

इस मामले में प्रेमचंद बैरवा को सिर्फ बीजेपी ही नहीं, बल्कि विश्व हिंदू परिषद (VHP) से भी समर्थन मिल रहा है। मालवा प्रांत के प्रशासनिक प्रमुख संतोष शर्मा ने बैरवा के पक्ष में बयान देते हुए कहा कि यह पहली बार है जब राजस्थान में एक दलित नेता को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी का एक ऐतिहासिक फैसला है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बैरवा के खिलाफ साजिश रची जा रही है क्योंकि उनका प्रभाव बढ़ रहा है और उनके काम से विरोधी असहज हो रहे हैं।

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क्या है पूरा विवाद?

प्रेमचंद बैरवा के बेटे आशु बैरवा की रील वायरल होने के बाद यह विवाद शुरू हुआ। रील में आशु बैरवा अपने दोस्त और कांग्रेस नेता पुष्पेंद्र भारद्वाज के बेटे के साथ नज़र आ रहे थे। आशु की सुरक्षा के लिए पुलिस की गाड़ी भी मौजूद थी, जिस पर विपक्ष ने सवाल उठाए। इस घटना के बाद से प्रेमचंद बैरवा पर लगातार विपक्ष हमले कर रहा है, लेकिन उनके समर्थकों का कहना है कि यह हमला उनके दलित होने के कारण किया जा रहा है।

बैरवा के समर्थकों का दावा

प्रेमचंद बैरवा के समर्थक मानते हैं कि विपक्ष दलित नेता होने के कारण बैरवा को निशाना बना रहा है। उनका कहना है कि बैरवा ने राजस्थान में बेहतरीन काम किया है, जो विपक्ष को नागवार गुजरा है, इसलिए उन्हें बदनाम करने की साजिश रची जा रही है।

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