Cyclone Yagi Impact in India: भारत में सुपर टायफून से साइक्लोन में तब्दील हुए ‘यागी’ की एंट्री हो गई है। 30 साल बाद भारत के मौसम में इतना बदलाव देखा गया है। साइक्लोन यागी का इतना असर है कि सितंबर महीने में जोरदार बारिश हो रही है, जबकि 15 सितंबर के बाद उत्तर भारत के ज्यादातर इलाकों से मानसून की वापसी शुरू हो जाती है।
प्रशांत महासागर से सुपर टायफून का सफर
प्रशांत महासागर से उठा साइक्लोन सबसे पहले चीन के दक्षिणी तट पर पहुंचा और दो दिनों में सुपर टायफून में बदल गया। इसकी रफ्तार 350 किलोमीटर प्रति घंटा हो गई। इसी रफ्तार से सुपर टायफून ने फिलीपींस, वियतनाम, थाईलैंड, म्यांमार और लाओस में दस्तक दी। लंबा सफर तय करने के बाद भी इस तूफान की ताकत में कोई खास कमी नहीं आई है।
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भारत के मौसम पर प्रभाव
3800 किलोमीटर दूर प्रशांत महासागर में पैदा हुए साइक्लोन का भारत के मौसम पर असर देखकर वैज्ञानिक आश्चर्यचकित हैं। हालांकि साइक्लोन यागी का असर बंगाल, झारखंड, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए फायदेमंद साबित हुआ है। इन इलाकों में बारिश की कमी को तूफान ने पूरा किया है। हालांकि इस इलाके से निकलते हुए यागी तूफान अब पश्चिम की ओर बढ़ रहा है।
मौसम विभाग ने कहा है कि साइक्लोन यागी का असर जल्द ही समाप्त होगा। हालांकि, मानसून वापसी के दौरान बारिश खेती के लिए फायदेमंद है।
पश्चिमी भारत में दिखेगा असर
तूफान यागी के चलते पश्चिमी भारत में मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है। इसके चलते पश्चिमी और पूर्वी राजस्थान में हल्की बारिश हो सकती है। 27 सितंबर के बाद सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।