Selfie: आजकल कई बैंक और फिनटेक कंपनियाँ पहचान वेरिफिकेशन के लिए सेल्फी ऑथेंटिकेशन का उपयोग करती हैं। हालांकि, यह सुविधा जितनी आसान है, उतनी ही खतरनाक भी हो सकती है। साइबर अपराधी इस तकनीक का इस्तेमाल करके आपकी निजी और बैंक जानकारी चुरा सकते हैं।
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सेल्फी से कैसे होता है फ्रॉड?
- फिशिंग अटैक: साइबर अपराधी फिशिंग ईमेल या एसएमएस भेजते हैं जिनमें एक लिंक पर क्लिक करने के लिए कहा जाता है। जब आप उस लिंक पर क्लिक करते हैं, तो आप एक फर्जी वेबसाइट पर पहुंचते हैं, जहां सेल्फी अपलोड करने को कहा जाता है। इसके बाद आपकी सेल्फी का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है।
- मैलवेयर: साइबर अपराधी आपके फोन में मैलवेयर इंस्टॉल कर सकते हैं और आपके कैमरा का कंट्रोल हासिल कर सकते हैं। इस तरह, वे आपके बिना जानकारी के आपकी सेल्फी ले सकते हैं और उसका दुरुपयोग कर सकते हैं।
- सोशल मीडिया और डीपफेक: सोशल मीडिया से आपकी तस्वीरें चोरी करके साइबर अपराधी उनका उपयोग डीपफेक के लिए कर सकते हैं, जिसमें नकली फोटो और वीडियो बनाए जाते हैं।
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Selfie फ्रॉड के मुख्य खतरे
- बैंक फ्रॉड: साइबर अपराधी आपकी सेल्फी का इस्तेमाल कर आपके बैंक अकाउंट में सेंधमारी कर सकते हैं और आपकी राशि चुरा सकते हैं।
- लोन धोखाधड़ी: आपकी सेल्फी का उपयोग करके अपराधी आपके नाम पर लोन भी ले सकते हैं।
- सिम कार्ड क्लोनिंग: आपकी सेल्फी का इस्तेमाल करके साइबर अपराधी आपका सिम कार्ड क्लोन कर सकते हैं और ओटीपी रिसीव कर सकते हैं।
कैसे बचें सेल्फी से होने वाले साइबर फ्रॉड से?
- अनजान लिंक पर कभी भी क्लिक न करें।
- मजबूत और यूनिक पासवर्ड का इस्तेमाल करें।
- टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का उपयोग करें।
- फोन के सॉफ्टवेयर को हमेशा अपडेट रखें।
- अच्छे एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल करें।
- सोशल मीडिया पर अपनी निजी जानकारी शेयर करने से बचें।
अगर आपको साइबर फ्रॉड का संदेह है, तो तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें और आवश्यक कदम उठाएँ। सावधानी ही सुरक्षा की कुंजी है।