Shimla: हिमाचल प्रदेश में मस्जिदों में अवैध निर्माण का मुद्दा एक बार फिर उभरता दिख रहा है। शिमला से शुरू हुए इस विवाद ने अब पूरे राज्य को अपनी चपेट में ले लिया है। शनिवार को हिंदू संगठनों ने शिमला सहित राज्य के 12 जिलों में मस्जिदों में हो रहे अवैध निर्माण के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। इन प्रदर्शनों की अगुवाई हिमाचल देवभूमि संघर्ष समिति ने की, जिसका आरोप है कि राज्य सरकार इस गंभीर मुद्दे को हल्के में ले रही है।
सरकार पर नरमी का आरोप
हिमाचल देवभूमि संघर्ष समिति के संयोजक भारत भूषण ने एनडीटीवी के बीडी शर्मा से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार का रुख मस्जिदों में अवैध निर्माण के मामले पर अत्यंत नरम रहा है। उनका कहना है कि जब हिंदू संगठन इस मुद्दे पर आवाज उठाते हैं, तो उनके कार्यकर्ताओं पर ही पुलिस कार्रवाई कर देती है, जो पूरी तरह अनुचित है।
बेरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश और लाठीचार्ज
शिमला में मस्जिद के अवैध निर्माण के खिलाफ बुधवार को हुए प्रदर्शन में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की बेरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की थी। पुलिस ने शुरुआती दौर में भीड़ को काबू में करने की कोशिश की, लेकिन स्थिति बिगड़ने पर लाठीचार्ज करना पड़ा। इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया गया था।
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निर्माण विवाद: तीन मंजिल की मंजूरी, पांच मंजिल का निर्माण
शिमला नगर निगम के अनुसार, विवादित मस्जिद के अंदर अधिकतम तीन मंजिल तक निर्माण की मंजूरी दी गई थी, लेकिन पांच मंजिल तक का निर्माण कर दिया गया है, जो नियमों का उल्लंघन है। स्थानीय लोग और हिंदू संगठन इस अवैध निर्माण के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं।
मंडी में भी उभरता मस्जिद निर्माण विवाद
शिमला के बाद अब मंडी शहर में भी मस्जिद के अवैध निर्माण का मामला गरमा गया है। मंडी में स्थित जेल रोड पर बनी मस्जिद में भी नियमों के खिलाफ निर्माण की शिकायतें सामने आई हैं। नगर निगम आयुक्त द्वारा मामले की जांच के लिए एक छह सदस्यीय समिति गठित की गई थी, जिसने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। प्रदर्शनकारी मंडी में भी सरकार से इस मुद्दे पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।