Maharashtra: सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची मूर्ति के गिरने के मामले में पुलिस ने सख्त कदम उठाए हैं। पुलिस ने संरचनात्मक सलाहकार चेतन पाटिल को इस मामले में गिरफ्तार किया है। यह मूर्ति पिछले साल 4 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नौसेना दिवस के अवसर पर अनावरण की गई थी, लेकिन 26 अगस्त को अचानक ढह गई।
चेतन पाटिल की गिरफ्तारी
सिंधुदुर्ग पुलिस ने एफआईआर में नामजद चेतन पाटिल को कोल्हापुर से गिरफ्तार किया। कोल्हापुर के पुलिस अधीक्षक महेंद्र पंडित ने जानकारी दी कि चेतन पाटिल को गुरुवार देर रात हिरासत में लिया गया और आगे की जांच के लिए सिंधुदुर्ग पुलिस को सौंप दिया गया। चेतन पाटिल ने दावा किया था कि वह इस परियोजना के संरचनात्मक सलाहकार नहीं थे और उनका मूर्ति से कोई संबंध नहीं था। उन्होंने कहा कि उन्होंने केवल मंच का डिजाइन भारतीय नौसेना को सौंपा था।
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मूर्ति गिरने के बाद राजनीति में गर्माहट
शिवाजी महाराज की प्रतिमा के गिरने की घटना ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है। विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) ने सरकार की कड़ी आलोचना की है और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के इस्तीफे की मांग की है। इस घटना के लिए उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने राज्य के लोगों से माफी मांगी और दोषियों को सजा देने का आश्वासन दिया।
जांच के लिए तकनीकी समिति का गठन
मूर्ति गिरने के कारणों की जांच और नई प्रतिमा के निर्माण के लिए एक तकनीकी समिति का गठन किया गया है। इस समिति में इंजीनियर्स, आईआईटी विशेषज्ञ और नौसेना के अधिकारी शामिल हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बताया कि प्रतिमा का डिजाइन और निर्माण भारतीय नौसेना द्वारा किया गया था, और अब मूर्ति गिरने के कारणों की जांच की जा रही है।
भारतीय नौसेना का बयान
भारतीय नौसेना ने भी इस घटना पर बयान जारी किया। उन्होंने बताया कि इस परियोजना की संकल्पना भारतीय नौसेना ने की थी और इसे राज्य सरकार के साथ समन्वय में कार्यान्वित किया गया था। नौसेना ने यह भी कहा कि वह मूर्ति की मरम्मत और उसे जल्द से जल्द फिर से स्थापित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी।