Pm Modi अपने तीसरे कार्यकाल में भ्रष्ट और निष्क्रिय अधिकारियों-कर्मचारियों पर कड़ा कदम उठाने की तैयारी में हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रियों और सचिवों को निर्देश दिया है कि मंत्रालयों में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार के खिलाफ मिशन मोड में काम किया जाए।
पीएम मोदी ने यह निर्देश हाल ही में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में दिया, जहां उन्होंने भ्रष्टाचार और खराब प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई पर जोर दिया।
PM Modi: अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए सख्त मूल्यांकन
प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्रीय सचिवों को निर्देश दिया कि वे खराब प्रदर्शन करने वाले और भ्रष्ट कर्मचारियों की पहचान कर उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए सीसीएस (पेंशन) नियमों का हवाला देते हुए कठोर मूल्यांकन करें। उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे अभियान को और तेज करने की बात कही और बेहतर शासन के लिए पारदर्शिता सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
शिकायतों का त्वरित समाधान जरूरी
प्रधानमंत्री ने अधिकारियों और मंत्रियों से कहा कि वे जन शिकायतों का त्वरित और व्यापक समाधान सुनिश्चित करें। उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि वे एक सप्ताह में कम से कम एक दिन शिकायतों के समाधान के लिए निर्धारित करें और राज्य मंत्री इस प्रक्रिया की निगरानी करें। पीएम मोदी ने जन शिकायतों के समाधान में तेजी लाने की आवश्यकता पर बल दिया।
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पीएमओ को मिलीं 4.5 करोड़ शिकायतें
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को 4.5 करोड़ शिकायतें और पत्र मिले हैं, जबकि मनमोहन सिंह के कार्यकाल के अंतिम पांच वर्षों में केवल 5 लाख पत्र प्राप्त हुए थे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोग शिकायतों के निवारण को लेकर अधिक आशावान हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि इनमें से 40 प्रतिशत मामले केंद्र सरकार के विभागों से संबंधित हैं, जबकि बाकी 60 प्रतिशत शिकायतें राज्य सरकार से संबंधित हैं।