2013 बैच के IAS Manish Bansal की कहानी पंजाब के एक छोटे से शहर से लेकर एक शीर्ष प्रशासनिक पद तक पहुंचने की है, जो वास्तव में प्रेरणादायक है। उनकी पत्नी, जो स्वयं एक IAS अधिकारी हैं, को कासगंज जिले की DM के रूप में नियुक्त किया गया है।
मनीष बंसल का जन्म पंजाब के संगरूर में हुआ था, जो एक छोटा सा शहर है। बचपन से ही मनीष ने पढ़ाई में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, और उनकी यह मेहनत उन्हें आईआईटी दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में एम.टेक तक ले गई। इस मजबूत शैक्षणिक नींव ने उनके भविष्य के सपनों और उपलब्धियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
IAS बनने की प्रेरणा और चुनौतियाँ
IAS अधिकारी बनने की राह में कई चुनौतियाँ आती हैं, जिनसे गुजरना बेहद कठिन होता है। मनीष बंसल का सफर भी इससे अलग नहीं था। उनकी मेहनत और दृढ़ता ने उन्हें 2013 में UPSC सिविल सेवा परीक्षा में 53वीं रैंक हासिल करने में मदद की। यह उपलब्धि उनके दृढ़ निश्चय और राष्ट्र सेवा के प्रति उनके समर्पण का प्रमाण है।
यहां हमारे व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें
परिवार का समर्थन
मनीष बंसल की सफलता के पीछे उनके परिवार का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उनके पिता अवतार राम बंसल एक बैंक में चीफ मैनेजर हैं और उनकी माँ सुधा बंसल एक गृहिणी हैं। उनके माता-पिता द्वारा सिखाई गई मेहनत और समर्पण की मूल्यवान सीख उनके जीवन में सफलता का आधार बनी।
यहां हमारे ट्विटर से जुड़ें
चुनाव आयुक्त के साथ संबंध
मनीष बंसल की निजी जिंदगी भी भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक और महत्वपूर्ण अधिकारी से जुड़ी है। उनकी पत्नी मेधा रूपम, जो 2014 बैच की IAS अधिकारी हैं, कासगंज की DM के रूप में नियुक्त हैं। उनके ससुर ज्ञानेश कुमार वर्तमान में चुनाव आयुक्त हैं।
पेशेवर उपलब्धियाँ
मनीष बंसल का सहारनपुर के DM के रूप में नियुक्त होना उनके करियर का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। उनके सार्वजनिक सेवा में समर्पण और उत्कृष्टता का ट्रैक रिकॉर्ड दर्शाता है कि उनका कार्यकाल सहारनपुर में सकारात्मक बदलाव लाने वाला होगा। उनकी यह यात्रा उन सभी के लिए प्रेरणा है जो सिविल सेवा में सफलता पाने का सपना देखते हैं।
और पढ़ें