तिरुपति लड्डू मामले में आज एक बार फिर Supreme Court में सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने केंद्र सरकार की मांग को खारिज कर दिया और स्वतंत्र एसआईटी जांच के आदेश दिए।
जस्टिस गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने स्पष्ट किया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वतंत्र एसआईटी का गठन किया जाना चाहिए, जिसमें 2 सीबीआई अधिकारी, 2 राज्य सरकार के अधिकारी और एक अधिकारी FSSAI से होंगे।
Supreme Court: केंद्र की ओर से भरोसा
इस दौरान, केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सालिसिटर जनरल ने कहा कि उन्हें मामले की जांच कर रही एसआईटी के सदस्यों पर पूरा भरोसा है। उन्होंने सुझाव दिया कि एसआईटी की जांच की निगरानी केंद्र सरकार के किसी वरिष्ठ अधिकारी द्वारा करवाई जाए।
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हालांकि, जस्टिस गवई ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यदि प्रसादम बनाने वाले घी में मिलावट का आरोप सही है, तो यह एक गंभीर मामला है।
राजनीतिक नाटक से बचने की चेतावनी
कोर्ट ने यह भी कहा कि वह नहीं चाहता कि यह मामला राजनीतिक नाटक बन जाए। मामले की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने की, जिन्होंने यह स्पष्ट किया कि मामले की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना आवश्यक है।