भारत के Supreme Court के आधिकारिक YouTube चैनल को हैक कर लिया गया है, जिसमें हैकर्स ने Ripple Labs द्वारा विकसित XRP क्रिप्टोकरेंसी को प्रमोट करने वाले फर्जी वीडियो अपलोड कर दिए हैं। यह चैनल आमतौर पर संवैधानिक बेंचों द्वारा सुने जाने वाले मामलों और जनहित के मामलों की लाइव स्ट्रीमिंग के लिए उपयोग किया जाता है। हाल ही में RG Kar मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बलात्कार और हत्या के मामले की सुनवाई इस चैनल पर प्रसारित की गई थी।
हैकर्स ने पहले की सुनवाई के सभी वीडियो को प्राइवेट कर दिया है और Ripple के CEO ब्रैड गार्लिंगहाउस से जुड़े एक फर्जी वीडियो को लाइव किया है, जिसका शीर्षक है “Brad Garlinghouse: Ripple Responds To The SEC’s $2 Billion Fine! XRP Price Prediction”।
इस घटना ने न्यायिक संस्थानों की डिजिटल सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। Ripple कंपनी पहले भी YouTube पर ऐसे फर्जी वीडियो के प्रसारण को लेकर कानूनी कार्रवाई कर चुकी है, जिसमें हैकर्स ने XRP के बदले लोगों से छोटे भुगतान मांगे थे।
Supreme Court प्रशासन ने बताया है कि इस हैकिंग की घटना की जाँच की जा रही है और इसे जल्द से जल्द ठीक करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
Supreme Court News: Ripple और YouTube पर हैकिंग का पुराना विवाद
यह ध्यान देने योग्य है कि इस तरह की घटनाएँ पहले भी देखने को मिली हैं, जब Ripple कंपनी ने YouTube पर Ripple के नाम से फर्जी चैनलों पर वीडियो पोस्ट करने वाले हैकर्स के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया था। The Verge की एक रिपोर्ट के अनुसार, “पिछले कुछ महीनों में, हैकर्स ने Ripple और उसके CEO ब्रैड गार्लिंगहाउस के नाम से फर्जी चैनल बनाए, जिनमें कुछ YouTubers के सफल चैनलों को हैक किया गया और फिर XRP के बदले लोगों से छोटे-छोटे भुगतान मांगे गए।” इस तरीके से हज़ारों यूजर्स के साथ धोखाधड़ी की गई।
Supreme Court की प्रतिक्रिया
सुप्रीम कोर्ट के अधिकारियों ने बताया है कि YouTube चैनल हैक होने की इस घटना की जाँच की जा रही है और इसे जल्द से जल्द ठीक करने के प्रयास किए जा रहे हैं। यह घटना न्यायपालिका के डिजिटल प्लेटफॉर्म की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है और डिजिटल प्लेटफॉर्म की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता को रेखांकित करती है।
Revanth Reddy मामले में Supreme Court की कार्रवाई
इसी बीच, Supreme court ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के खिलाफ चल रहे मामले में उनकी माफी को स्वीकार कर लिया है। रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर BRS नेता K. कविता को मिली जमानत पर टिप्पणी की थी। कोर्ट ने रेड्डी की माफी को स्वीकार करते हुए सभी संवैधानिक पदाधिकारियों को यह सलाह दी कि वे इस तरह की टिप्पणियों से बचें, जो सरकार की विभिन्न शाखाओं के बीच टकराव का कारण बन सकती हैं।
रेड्डी ने कहा था कि BRS और भाजपा के बीच समझौते के तहत कविता को जमानत मिली है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी अनावश्यक टिप्पणियाँ न्यायपालिका की स्वतंत्रता को प्रभावित कर सकती हैं और इस मामले में रेड्डी की माफी को स्वीकार करते हुए मामला बंद कर दिया गया।