Ganesh Chaturthi Clash: सूरत, गुजरात गणेश उत्सव के दौरान सूरत में तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई जब सैयदपुरा क्षेत्र में गणेश पंडाल पर कुछ व्यक्तियों ने पथराव किया। इस घटना ने स्थानीय लोगों में असंतोष फैलाया और बड़ी संख्या में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया।
पथराव की घटना
रविवार रात को गणेश उत्सव के जश्न के दौरान यह घटना घटी, जिससे इलाके में दहशत फैल गई। पुलिस ने पथराव में शामिल छह लोगों को गिरफ्तार किया और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तुरंत कार्रवाई की।
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पुलिस की कार्रवाई
सूरत पुलिस ने स्थिति को संभालने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। सूरत पुलिस आयुक्त अनुपम सिंह गहलोत ने बताया कि प्रारंभ में बच्चों के एक समूह ने गणेश पंडाल पर पथराव किया, जिसके बाद संघर्ष हुआ। गहलोत ने कहा, “पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप किया, बच्चों को दृश्य से हटा दिया और क्षेत्र में अधिकारियों को तैनात किया।”
गृह मंत्री का बयान
गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने पथराव की घटना की पुष्टि की और बताया कि “पथराव में शामिल छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 27 अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया है जो इस कृत्य को प्रोत्साहित करने में संलिप्त थे।” उन्होंने यह भी कहा कि एक पूरी जांच चल रही है और पुलिस पूरे शहर में मौजूद है ताकि आगे की अशांति को रोका जा सके।
गणेश चतुर्थी का महत्त्व
गणेश चतुर्थी, भगवान गणेश की पूजा के लिए मनाया जाने वाला दस दिवसीय हिंदू त्योहार है, जो इस वर्ष 7 सितंबर को शुरू हुआ। इसे ‘विनायक चतुर्थी’ या ‘विनायक चावथी’ के नाम से भी जाना जाता है। यह उत्सव भगवान गणेश को ‘नई शुरुआत का देवता’ और ‘बाधाओं को दूर करने वाला’ मानते हुए मनाया जाता है। इस उत्सव के समापन पर अनंत चतुर्दशी होती है, और भक्त भगवान गणेश की मूर्तियों को अपने घरों में लाते हैं, पंडालों में जाते हैं, और देवता की पूजा के लिए विशेष व्यंजन तैयार करते हैं।