भाजपा में आने वाला है वसुंधरा राजे का ‘राज’! बनेंगी BJP की राष्ट्रीय अध्यक्ष?

भारतीय जनता पार्टी (BJP) एक बार फिर चौंकाने वाला फैसला लेने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे को भाजपा का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है। पार्टी के भीतर इस बड़े बदलाव को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं, और जल्द ही इसकी आधिकारिक घोषणा होने की संभावना है।

वसुंधरा राजे: BJP अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे

वसुंधरा राजे का नाम भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए सबसे आगे माना जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि आरएसएस ने वसुंधरा राजे के नाम को आगे बढ़ाया है, जो कि उनके संगठन के साथ लंबे और करीबी संबंधों का परिणाम है। पार्टी के भीतर भी वसुंधरा को एक अनुभवी नेता के रूप में देखा जाता है, जिन्होंने राजस्थान में भाजपा को मजबूती से खड़ा किया।

हालांकि, संघ की तरफ से संजय जोशी का नाम भी चर्चा में था, लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने इस पर सहमति नहीं दिखाई। इसके अलावा, शिवराज सिंह चौहान का नाम भी संभावित उम्मीदवारों में जोड़ा गया है, जिससे यह मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। बावजूद इसके, वसुंधरा राजे को सोशल मीडिया पर अभी से ही राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की बधाइयां मिलनी शुरू हो गई हैं।

संघ का समर्थन और पीएम मोदी-अमित शाह से मतभेद

आरएसएस के समर्थन के बावजूद, वसुंधरा राजे के पीएम मोदी और अमित शाह के साथ संबंधों को लेकर कई बार विवाद सामने आ चुका है। इन मतभेदों की वजह से उनके अध्यक्ष बनने की राह में अड़चनें आ सकती हैं। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के बाद भी वसुंधरा का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा में था, लेकिन पार्टी ने नए चेहरे को चुना। इसके अलावा, 2018 में भी अमित शाह और वसुंधरा के बीच टकराव की खबरें आई थीं, जब शाह गजेंद्र सिंह शेखावत को राजस्थान भाजपा का प्रमुख बनाना चाहते थे, लेकिन वसुंधरा ने इसका विरोध किया था।

जयपुर में दिए गए बयान से संकेत

हाल ही में जयपुर स्थित भाजपा मुख्यालय में राजस्थान के नए प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के पदभार ग्रहण समारोह में वसुंधरा राजे ने जो बयान दिया, उससे भी उनके भविष्य के कदमों के संकेत मिल रहे हैं। उन्होंने कहा, “राजनीति में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, और हर व्यक्ति को पद, मद और कद का ध्यान रखना चाहिए। पद और मद स्थायी नहीं होते, केवल कद ही स्थायी रहता है।”

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हालांकि, यह बयान उन्होंने राजस्थान के नए अध्यक्ष के लिए दिया था, लेकिन इससे स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि वसुंधरा अपनी स्थिति को लेकर गंभीर हैं और अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हैं।

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अंतिम निर्णय का इंतजार

अब सभी की नजरें भाजपा आलाकमान पर टिकी हैं कि वे वसुंधरा राजे के नाम पर मुहर लगाते हैं या नहीं। अगर सब कुछ सही रहा तो वसुंधरा राजे जल्द ही भाजपा की नई राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकती हैं, जिससे पार्टी के भीतर एक नया अध्याय शुरू होगा।

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