झारखंड सरकार विकास के लिए प्रतिबद्ध है और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए निरंतर काम कर रही है। सरकार का मानना है कि विकास कार्य किसी भी स्थिति में रुकने नहीं चाहिए। इसी सिद्धांत के तहत, अगर कोई व्यक्ति किसी कारण से विभाग में उपस्थित नहीं हो पाता, तो विकास कार्यों में रुकावट नहीं आती। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सुनिश्चित करे कि विकास कार्य बिना किसी बाधा के चलते रहें।
हाल ही में, नैतिकता के आधार पर झारखंड सरकार के वरिष्ठ मंत्री आलमगीर आलम ने अपना इस्तीफा दे दिया है। आलमगीर आलम के इस्तीफे का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विकास कार्यों में कोई भी बाधा न आए और सरकार की प्रतिबद्धता में कोई कमी न हो। उनके इस्तीफे के पीछे का कारण यह है कि वे यह चाहते थे कि उनके विभाग में किसी भी प्रकार की रुकावट न हो और सभी योजनाएं और परियोजनाएं समय पर पूरी हों।
जेएमएम (झारखंड मुक्ति मोर्चा) के प्रवक्ता तनुज खत्री ने इस संदर्भ में बताया कि आलमगीर आलम ने अपने पद से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा, “झारखंड सरकार विकास के प्रति पूरी तरह से समर्पित है और किसी भी तरह की बाधा को बर्दाश्त नहीं करेगी। आलमगीर आलम का इस्तीफा यह सुनिश्चित करने के लिए है कि विकास कार्यों में किसी प्रकार की रुकावट न आए।”
तनुज खत्री ने आगे कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वह लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करे और राज्य के विकास को प्राथमिकता दे। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि झारखंड सरकार विकास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी तरह की समस्याओं को तुरंत हल करने के लिए तैयार है।
इस कदम से सरकार ने यह संदेश दिया है कि विकास कार्यों में कोई भी व्यक्तिगत हित या रुकावट बर्दाश्त नहीं की जाएगी और झारखंड के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।