Jharkhand में सिपाही भर्ती परीक्षा के फिजिकल टेस्ट के दौरान 11 अभ्यर्थियों की मौत ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह हादसा तब हुआ जब ये अभ्यर्थी 10 किलोमीटर की दौड़ में भाग ले रहे थे। इतनी अधिक संख्या में हुई मौतों ने जांच एजेंसियों और विशेषज्ञों को भी हैरान कर दिया है। फिलहाल इस मामले की जांच की जा रही है, लेकिन अभी तक मौतों के कारणों का स्पष्ट पता नहीं चल पाया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन मौतों के पीछे हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट जैसे कारण हो सकते हैं।
Delhi के राजीव गांधी अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अजीत जैन के अनुसार, 10 किलोमीटर की दौड़ पूरी करने के लिए कम से कम 6 महीने की नियमित प्रैक्टिस जरूरी होती है। अगर किसी व्यक्ति ने पहले कभी इतनी लंबी दूरी नहीं दौड़ी है, तो अचानक 10 किलोमीटर दौड़ने से उसके शरीर पर गहरा असर पड़ सकता है। इस तरह की दौड़ में हार्ट को तेजी से ब्लड पंप करना पड़ता है, जिससे उस पर दबाव बढ़ता है और हार्ट फेल होने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि, डॉ. जैन ने यह भी कहा कि युवा उम्र में इस तरह की घटनाएं कम ही होती हैं।
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दिल्ली के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. वरुण बंसल का कहना है कि अगर किसी व्यक्ति को पहले से हार्ट की कोई बीमारी नहीं है, तो हार्ट अटैक का खतरा कम होता है। लेकिन अगर कोई अभ्यर्थी स्टेरॉयड या एनर्जी ड्रिंक लेकर दौड़ में भाग लेता है, तो इससे हार्ट बीट तेज हो सकती है, जो खतरनाक साबित हो सकती है।
वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. अजय कुमार ने बताया कि कुछ युवा फिजिकल टेस्ट पास करने के लिए स्टेरॉयड या एनर्जी ड्रिंक का सेवन करते हैं, जिससे अस्थाई तौर पर स्टैमिना बढ़ सकता है। लेकिन इसके साइड इफेक्ट्स गंभीर हो सकते हैं।
झारखंड सिपाही भर्ती में हुई इन मौतों के सही कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही चल सकेगा। फिलहाल, विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि बिना उचित प्रैक्टिस और मेडिकल क्लीयरेंस के इस तरह की प्रतियोगिताओं में भाग लेना खतरनाक हो सकता है।