Jharkhand News: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ज़मीन घोटाला मामले में जमानत देने के हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है।
ED ने कहा कि हाई कोर्ट का आदेश अवैध है और उनके अवलोकन पूर्वाग्रह से ग्रस्त हैं।
जांच एजेंसी ने आगे कहा कि कोर्ट ने यह कहने में गलती की है कि सोरेन के खिलाफ कोई प्रथम दृष्टया मामला नहीं है।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 28 जून को हाई कोर्ट ने जमीन घोटाला मामले में जमानत दे दी थी। हाई कोर्ट ने 13 जून को सोरेन की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था।
यहां हमारे व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें
“सोरेन को जमानत मिल गई है। कोर्ट ने माना है कि प्रथम दृष्टया वह अपराध के दोषी नहीं हैं और जमानत पर रहते हुए उनके अपराध करने की संभावना नहीं है,” सोरेन के वरिष्ठ वकील अरुणाभ चौधरी ने PTI को बताया।
सुनवाई के दौरान, ED के वकील SV राजू ने तर्क दिया कि यदि सोरेन को जमानत पर रिहा किया जाता है, तो वह इसी तरह का अपराध कर सकते हैं।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के कार्यकारी अध्यक्ष सोरेन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में 31 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था।