अन्ना हजारे नेशनल कोर के सदस्य करणवीर थम्मन ने पंजाब के Chief Minister, Punjab Police Complaint, Punjab DGP, और Chief Secretary को एक गंभीर कंप्लेंट भेजी है, जिसमें पुलिस द्वारा Juvenile Act Violation का मामला उजागर किया गया है। यह मामला नाबालिक बच्चों और महिलाओं के साथ अत्याचार से जुड़ा है, जिसने पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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घटना का विवरण
यह घटना डेराबस्सी में घटित हुई, जहां कर्णवीर थम्मन ने बताया कि पुलिस और CIA पुलिस ने एक महिला और उसके बच्चों को दोपहर के समय अपने साथ थाने ले गई। इस दौरान मोहल्ला वासियों के हस्तक्षेप के बाद देर रात करीब 12:00 बजे महिला और उसके बच्चों को थाने से छोड़ा गया।
मामले की गंभीरता
कर्णवीर थम्मन ने Punjab के उच्च अधिकारियों को इस मामले की गंभीरता से अवगत कराया है और उन्होंने मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इस घटना ने पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है और लोगों में आक्रोश फैल गया है।
कानूनी विशेषज्ञों की राय
Punjab Haryana High Court के वकील ने इस मामले पर अपनी राय देते हुए कहा कि पुलिस द्वारा इस तरह की कार्यवाही Juvenile Justice in Punjab के खिलाफ है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। जुवेनाइल एक्ट के तहत नाबालिक बच्चों के साथ पुलिस की ऐसी कार्यवाही गैरकानूनी है और इस मामले ने स्पष्ट कर दिया है कि इस कानून का पालन नहीं किया जा रहा है।
प्रमाण और जांच की मांग
घटना की CCTV फुटेज और कर्णवीर थम्मन की बाइट भी सामने आई है, जिससे इस मामले की सच्चाई सामने आने की उम्मीद है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है और क्या दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाएगी।
प्रतिक्रिया और अपेक्षाएं
इस मामले ने समाज में गहरा असर डाला है और लोग न्याय की मांग कर रहे हैं। प्रशासन पर अब यह जिम्मेदारी है कि वह न्याय सुनिश्चित करें और ऐसे घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए कड़े कदम उठाएं। कर्णवीर थम्मन की यह कंप्लेंट इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और उम्मीद है कि यह न्याय प्राप्ति में सहायक होगी।