Rajasthan: ‘शिक्षा पर संकट’ जर्जर स्कूल भवन और बारिश में डूबे, बच्चों की सुरक्षा खतरे में

Rajasthan: शिक्षा को हर सरकार अपनी प्राथमिकताओं में रखती है और बच्चों को बेहतर शिक्षा देने का दावा करती है। लेकिन जमीनी हकीकत इससे काफी अलग है। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कई स्कूल बारिश के पानी से डूब रहे हैं और कई स्कूल भवन खंडहर बन चुके हैं। ऐसे में बच्चों को न केवल शिक्षा प्राप्त करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि उनकी सुरक्षा भी खतरे में है।

स्कूलों की दुर्दशा: बारिश में टपकती छतें और रिसती दीवारें

जिले के पीपलखूंट, अरनोद, छोटीसादड़ी, दलोट, सुहागपुरा और धरियावद जैसे क्षेत्रों में स्थिति गंभीर है। कई स्कूलों की छतें टपक रही हैं और दीवारें पानी से रिस रही हैं। कुछ स्कूलों की छतें इतनी जर्जर हैं कि किसी भी समय हादसा हो सकता है।

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महुवाल का सबसे बड़ा विद्यालय खंडहर में तब्दील

पीपलखूंट ग्राम पंचायत महुवाल का सबसे बड़ा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय महुवाल भी इसी समस्या से जूझ रहा है। आठ में से तीन कमरे पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं, जिनमें से छत से पानी टपक रहा है और प्लास्टर गिर रहा है। इस विद्यालय में 285 विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं और उन्हें इन्हीं खतरनाक कमरों में पढ़ना पड़ रहा है।

विद्यार्थियों की सुरक्षा और शिक्षा दोनों खतरे में

जर्जर भवनों में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल आते हैं। अगर किसी दिन कोई बड़ा हादसा हो जाता है, तो इससे बड़ी जनहानि हो सकती है। स्कूल में स्टाफ की भी कमी है, जिससे बच्चों का भविष्य अंधकार में है।

ग्रामीणों का आंदोलन की चेतावनी

ग्राम पंचायत महुवाल के ग्रामीणों ने कई बार शासन-प्रशासन से इस समस्या की शिकायत की, लेकिन अब तक कोई ध्यान नहीं दिया गया है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से शासन-प्रशासन की होगी।

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