Rajasthan News: प्रदेश की सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा प्रवेशोत्सव चलाया जा रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सरकारी स्कूलों में बच्चों के नामांकन को बढ़ाना और ड्रॉपआउट दर को कम करना है।
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Rajasthan News: नामांकन के आंकड़े
फिलहाल, 65 हजार सरकारी स्कूलों में 82 हजार नए नामांकन दर्ज किए गए हैं, लेकिन यह संख्या विभाग के लक्ष्यों के मुकाबले कम है। विभागीय स्तर पर स्कूल खुलने से पहले बैठकें आयोजित की गईं और शिक्षा मंत्री ने मौजूदा संख्या में दस प्रतिशत नामांकन की बढ़ोतरी का टारगेट दिया, लेकिन नतीजे अभी धीमी गति से आ रहे हैं।
अभियान की अवधि
हालांकि, अगस्त महीने तक नामांकन का दौर चलेगा और विभाग को अच्छे नामांकन की उम्मीद है। शिक्षा विभाग के निदेशक सीताराम जाट ने बताया कि कोरोना काल में सरकारी स्कूलों में नामांकन में बड़ा इजाफा हुआ था।
सरकारी और निजी स्कूलों का अंतर
ऑनलाइन कक्षाओं के चलते अभिभावकों ने सरकारी स्कूलों की ओर रुख किया, जहां निजी स्कूलों की तुलना में बहुत कम फीस थी। लेकिन, अब सरकार स्कूलों से अभिभावकों की दूरी बढ़ रही है और निजी स्कूलों की बढ़ती संख्या से प्रवेशोत्सव पर असर पड़ा है।
नामांकन के पिछले आंकड़े
वर्ष 2020-21 में लगभग साढ़े छह लाख नए नामांकन हुए थे, जबकि इसके अगले वर्ष पांच लाख के करीब नए प्रवेश दर्ज किए गए। लेकिन इसके बाद नामांकन के आंकड़ों में लगातार गिरावट देखी जा रही है। पिछले वर्ष 9 लाख के करीब नामांकन कम हुए, जिसका मुख्य कारण पदों की रिक्तियाँ और विषय व्याख्याताओं की कमी मानी जा रही है।
आयु में बदलाव का प्रभाव
शिक्षा विभाग का कहना है कि नए नामांकन केवल 1.50 लाख हुए हैं और कक्षा एक में प्रवेश की आयु में बदलाव को भी इसके पीछे का कारण माना जा रहा है। विभाग को उम्मीद है कि प्रवेशोत्सव के जरिए यह संख्या बढ़ेगी और बच्चों को सरकारी स्कूलों में शिक्षा के बेहतर अवसर मिलेंगे।
शिक्षकों की भूमिका
शिक्षा विभाग का पूरा फोकस इस समय नामांकन बढ़ाने पर है। शिक्षकों द्वारा घर-घर जाकर अभिभावकों को समझाया जा रहा है और सरकारी स्कूलों के फायदों के बारे में बताया जा रहा है।
प्रयासों का परिणाम
नामांकन बढ़ाने के प्रयासों में विभाग की पूरी टीम जुटी हुई है और उन्हें उम्मीद है कि उनके ये प्रयास रंग लाएंगे।