Rajasthan News: अलवर जिले के पुराना कटला स्थित प्राचीन Jagannath Temple से भगवान जगन्नाथ की भव्य बारात रवाना हुई। भगवान जगन्नाथ जी को दूल्हे के रूप में सजाकर जयघोष, घंटे-घड़ियाल और शंखनाद के साथ इंद्र विमान रथ में विराजमान किया गया। इस भव्य आयोजन में शहर और ग्रामीण क्षेत्रों से हजारों भक्तों ने हिस्सा लिया।
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पारंपरिक रथ यात्रा
Rajasthan News: भगवान जगन्नाथ की यह रथ यात्रा हर साल पुरी की तर्ज पर सन 1868 से अलवर में निकाली जा रही है। इस बारात में भगवान जगन्नाथ को जानकी जी से विवाह करने के लिए 8 किलोमीटर दूर Rupa Bas मंदिर ले जाया जा रहा है। इस दौरान मार्ग में वैष्णव मंदिरों पर भगवान की आरती की गई और ISKCON मंडलियों ने भजनों की प्रस्तुति दी। Lord Jagannath procession का यह दृश्य अत्यंत मनमोहक था।
भक्तों का उत्साह
बारात के दौरान भक्तों का ऐसा सैलाब उमड़ा कि रथ यात्रा के मार्ग में पड़ने वाले बाजारों में पैर रखने की जगह नहीं बची। रथ यात्रा के साथ चल रही भजन मंडलियां विशेष आकर्षण का केंद्र रहीं। भक्तों ने जगह-जगह छोले-चने का प्रसाद वितरित किया और मीठे पानी के प्याऊ लगाए गए, जहां लोग पानी और शरबत का आनंद ले रहे थे। श्रद्धालुओं की भीड़ ने Jagannath temple और उसके आसपास के क्षेत्र को भक्ति और उत्साह से भर दिया।
रूपबास में विवाह
भगवान जगन्नाथ की यह रथ यात्रा जब रूपबास के लिए रवाना हुई तो बिजली की रोशनी से जगमगाते दो मंजिला इंद्र विमान रथ को श्रद्धालुओं ने हाथ जोड़कर नमन किया। पुलिस की टुकड़ी ने भगवान जगन्नाथ को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। मंदिर के महंत पुष्पेंद्र शर्मा ने बताया कि यह रथ यात्रा आठ किलोमीटर की दूरी तय कर मुख्य विवाह स्थल रूपबास पहुंचेगी, जहां भगवान जगन्नाथ और जानकी जी का विवाह संपन्न होगा।
मेले का माहौल
रथ यात्रा के दौरान पूरे शहर में मेले जैसा माहौल बना हुआ था। होप सर्कस, घंटाघर, पंसारी बाजार और मन्नी का बड़ से अशोक सर्किल तक का पूरा क्षेत्र श्रद्धालुओं के सैलाब से भरा हुआ था। हर कोई भगवान जगन्नाथ जी की एक झलक पाने के लिए आतुर था। बैंड वादक धार्मिक भजनों की स्वर लहरियां बिखेरते हुए चल रहे थे और रथ यात्रा में भक्तों का जोश देखते ही बन रहा था। यह भव्य आयोजन अलवर में धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत रखने का उत्कृष्ट उदाहरण है।