Jaipur News: PHED इंजीनियर्स के 133 नए पद खटाई में, पिछली सरकार के फैसले को पलट सकती मौजूदा सरकार

Jaipur News: PHED (लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग) के 133 नए पदों का भविष्य अब अनिश्चित नजर आ रहा है, क्योंकि सरकार ने नए जिलों के पुनर्गठन पर बनाई गई कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही स्थिति स्पष्ट होने की घोषणा की है। इस साल होने वाली रेगुलर डीपीसी (विभागीय प्रोमोशन कमेटी) में नए पदों को शामिल नहीं किया जाएगा। आखिरकार इंजीनियर्स को कैसे झटका लग सकता है, इस पर देखें यह खास रिपोर्ट।

राजनीतिक लाभ के लिए बढ़ाए नए पद?

यह सवाल उठ रहा है कि क्या पिछली सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए नए पद बढ़ाए थे? अब मौजूदा सरकार कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर नए पदों को घटाने पर विचार कर रही है। पिछले साल, पिछली सरकार ने जलदाय विभाग में 133 नए पद बढ़ाए थे, लेकिन विवादों के चलते डीपीसी नहीं हो पाई थी।

अबकी बार रेगुलर डीपीसी तो होगी, पर नए पदों को इस सूची में शामिल नहीं किया जाएगा। जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने कहा है कि जिलों की कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि पिछली सरकार के फैसलों को पलटते हुए मौजूदा सरकार बढ़ाए हुए पदों को घटा सकती है।

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Jaipur News: पदनाम और वर्तमान स्वीकृत पद:

  1. मुख्य अभियंता (CE): वर्तमान स्वीकृत पद – 8, नए पद – 3
  2. अतिरिक्त मुख्य अभियंता (अति.मुख्य अभियंता): वर्तमान स्वीकृत पद – 29, नए पद – 10
  3. अधीक्षण अभियंता: वर्तमान स्वीकृत पद – 85, नए पद – 45
  4. अधिशाषी अभियंता: वर्तमान स्वीकृत पद – 472, नए पद – 18
  5. कनिष्ठ अभियंता (JEN): वर्तमान स्वीकृत पद – 1143, नए पद – 57

RPSC को फाइल भेजी गई:

जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने कहा है कि RPSC (राजस्थान लोक सेवा आयोग) को फाइल भेजी गई है। RPSC से तारीख मिलते ही डीपीसी के लिए मीटिंग होगी। पिछले साल नए पद बढ़ाए गए थे, लेकिन डीपीसी ना होने के कारण प्रमोशन नहीं हो सके थे। इंजीनियर्स के संगठनों ने मंत्री से इस संबंध में 3-4 बार मुलाकात भी की थी।

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Jaipur News: क्या बिना विवादों के हो पाएगी डीपीसी?

राज्य में जल जीवन मिशन का काम भी आधा हो चुका है, ऐसे में नए पद बढ़ाने की मंशा कम ही दिखाई दे रही है। हालांकि, जेईएन (कनिष्ठ अभियंता) के पद जरूर बढ़ाए जा सकते हैं, क्योंकि विभाग में फील्ड इंजीनियर्स की कमी खल रही है। यह भी दिलचस्प होगा कि क्या बिना विवादों के PHED में रेगुलर डीपीसी हो पाएगी या नहीं।

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मनीष कुमार एक उभरते हुए पत्रकार हैं और हिंदी States में बतौर Sub-Editor कार्यरत हैं । उनकी रुचि राजनीती और क्राइम जैसे विषयों में हैं । उन्होंने अपनी पढ़ाई IMS Noida से की है।
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