Rajasthan सरकार का हाल ही में जारी किया गया आदेश आमजन के लिए भारी परेशानी का कारण बन गया है। इस आदेश के तहत सभी परिजनों और राशन कार्ड धारकों को 30 जून तक आधार केवाईसी (नो योर कस्टमर) करवाना अनिवार्य कर दिया गया है। हालांकि, इस आदेश के साथ आधार केंद्रों की संख्या बढ़ाने की व्यवस्था नहीं की गई है, जिसके कारण टोंक जिले में लाखों की आबादी पर केवल तीन आधार केंद्र संचालित हो रहे है
टोंक जिले में इन दिनों आधार केवाईसी को लेकर लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सुबह होने से पहले ही आधार केंद्रों पर लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो जाती है। परिजन अपने सभी घरेलू काम-काज छोड़कर आधार केवाईसी के लिए केंद्रों पर पहुंच रहे हैं। स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि टोंक जिले के प्रशासनिक अधिकारियों ने इन परिजनों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया है।
आधार केंद्र संचालकों के लिए भी यह आदेश मुसीबत का कारण बन गया है। तमाम मुश्किलों से बचने के लिए टोकन व्यवस्था की गई है, लेकिन यह भी पर्याप्त नहीं साबित हो रही है। लोग सुबह 9 बजे टोकन लेने के बजाए, अल सुबह 3 बजे ही घने अंधेरे में आधार केंद्रों पर पहुंच रहे हैं।
अब सवाल यह उठता है कि क्या सरकार ने आदेश जारी करने में बड़ी चूक कर दी है या फिर प्रशासनिक अधिकारियों ने सरकार को सही जानकारी नहीं दी है? इस आदेश का खामियाजा टोंक सहित राजस्थान के करोड़ों लोग भुगत रहे हैं। सरकार को तत्काल प्रभाव से आधार केंद्रों की संख्या बढ़ानी चाहिए और प्रशासनिक अधिकारियों को आमजन की समस्याओं को सुनने और समाधान निकालने के निर्देश देने चाहिए।
यह घटना सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों की योजनाओं और उनकी कार्यान्वयन की कमी को उजागर करती है। आमजन की समस्याओं को देखते हुए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए ताकि लोगों को इस मुसीबत से राहत मिल सके।