Rajasthan News: सपोटरा। राजस्थान के सपोटरा क्षेत्र में दो पक्षों के बीच हुए विवाद के बाद घायल हुए अधेड़ व्यक्ति की जयपुर के एसएमएस अस्पताल में मौत हो गई। मृतक की पहचान गज्जूपुरा निवासी केश्या प्रजापत के रूप में की गई है, जिनकी मौत के बाद क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण हो गई है।
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Rajasthan News: ग्रामीणों का आक्रोश और सड़क जाम
घटना के बाद, आक्रोशित ग्रामीण और परिजन मृतक के शव को एसएमएस अस्पताल जयपुर से लेकर सपोटरा पहुंचे। यहां उन्होंने सीतारामजी मंदिर के सामने सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन किया और सड़क मार्ग को जाम कर दिया। सूचना मिलते ही सपोटरा थाना अधिकारी अनिल कुमार गौतम और कुड़गांव थाना पुलिस मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों और परिजनों से स्थिति को सामान्य करने के लिए समझाइश का प्रयास किया।
पोस्टमार्टम और पुलिस की कार्रवाई
जयपुर में शव का पोस्टमार्टम नहीं करवाने पर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम सपोटरा अस्पताल में करवाने की पेशकश की, जिसे ग्रामीणों ने स्वीकार कर लिया। इसके बावजूद, परिजन और ग्रामीण कुड़गांव सड़क मार्ग पर पहुंचकर धरना प्रदर्शन करने लगे और सड़क जाम कर दी। इस जाम के कारण वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
परिजनों के आरोप और पुलिस का प्रयास
परिजनों का आरोप है कि हत्या का कारण जमीन विवाद और उधार के पैसे की मांग थी। पुलिस अभी भी ग्रामीणों और परिजनों को समझाने का प्रयास कर रही है और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए काम कर रही है।
सड़क जाम से उत्पन्न समस्याएं
सड़क जाम के कारण स्थानीय निवासियों और वाहन चालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जाम की वजह से आवश्यक सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं, जिससे लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है।
ग्रामीणों का धरना प्रदर्शन और मांगें
ग्रामीणों का धरना प्रदर्शन जारी है और वे अपने मांगों पर अड़े हुए हैं। परिजनों का कहना है कि जब तक हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता, वे अपना प्रदर्शन समाप्त नहीं करेंगे।
पुलिस की चुनौती और समाधान के प्रयास
पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि वे स्थिति को शांतिपूर्ण ढंग से संभालें और ग्रामीणों की मांगों का समाधान निकालें। पुलिस अधिकारी लगातार ग्रामीणों से बातचीत कर रहे हैं और मामले की जांच कर रहे हैं।
सारांश
सपोटरा में दो पक्षों के झगड़े में अधेड़ की मौत के बाद उत्पन्न स्थिति ने पूरे क्षेत्र में तनाव पैदा कर दिया है। पुलिस और प्रशासन स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन ग्रामीणों के आक्रोश को शांत करना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। इस घटना ने एक बार फिर समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखने की आवश्यकता को उजागर किया है।