भारत में स्टार्टअप्स का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी के लीडरशिप में सरकार ने ‘स्टार्टअप इंडिया’ पहल की शुरुआत की है और इसे जमकर प्रमोट भी किया है। इस पहल का मकसद एक ऐसा इकोसिस्टम तैयार करना है, जो स्टार्टअप्स की ग्रोथ के लिए पूरी तरह से अनुकूल हो। यह इनोवेशन और टेक्नोलॉजी के जरिए स्टार्टअप्स को ग्रोथ की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की दिशा में काम कर रही है।
Startup India: उद्यमियों को मिल रहा है सरकारी सपोर्ट
भारतीय इकोनॉमी को बूस्ट करने और स्टार्टअप्स को सपोर्ट देने के लिए सरकार कई तरह की सुविधाएं दे रही है। ‘स्टार्टअप इंडिया’ पहल के तहत मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स को अपने बिजनेस की शुरुआत करने के लिए जबरदस्त फायदे मिल रहे हैं।
Startup India के तहत रजिस्ट्रेशन के लिए पात्रता
स्टार्टअप इंडिया एक्शन प्लान के अनुसार, स्टार्टअप के तौर पर eligible होने के लिए ये शर्तें पूरी करनी जरूरी हैं:
- इंडिया में इनकॉरपोरेशन के बाद 10 साल तक रजिस्टर्ड होना चाहिए।
2. यह एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी होनी चाहिए, या पार्टनरशिप फर्म या लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (LLP) के रूप में रजिस्टर्ड होनी चाहिए।
3. इसका वार्षिक टर्नओवर किसी भी फाइनेंशियल ईयर में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
4. यह इनोवेशन, डेवलपमेंट या प्रोडक्ट्स, प्रोसेस या सर्विसेज में सुधार की दिशा में काम कर रही हो, या यह एक ऐसा बिजनेस मॉडल हो जो बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन या वेल्थ क्रिएशन की क्षमता रखता हो।
यह ध्यान रखना जरूरी है कि अगर कोई मौजूदा बिजनेस को स्प्लिट करके या रीकंस्ट्रक्ट करके स्टार्टअप बनाया गया है, तो उसे स्टार्टअप नहीं माना जाएगा। साथ ही, एक इकाई को स्टार्टअप नहीं कहा जाएगा:
- इनकॉरपोरेशन/रजिस्ट्रेशन की तारीख से 10 साल पूरे होने पर, या
- किसी भी पिछले साल में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का टर्नओवर हासिल करने पर।
Startup India के तहत मिलने वाले 11 बड़े फायदे
सरल प्रक्रिया
भारत सरकार ने स्टार्टअप्स के लिए एक मोबाइल ऐप और वेबसाइट लॉन्च की है, जिससे रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया बेहद आसान हो गई है। जो भी व्यक्ति स्टार्टअप शुरू करना चाहता है, वह वेबसाइट पर एक सिंपल फॉर्म भर सकता है और जरूरी डॉक्युमेंट्स अपलोड कर सकता है। पूरी प्रोसेस ऑनलाइन है।
यहां हमारे व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें
कॉस्ट में कमी
सरकार ने पेटेंट्स और ट्रेडमार्क्स के लिए फेसीलिटेटर्स की लिस्ट भी दी है। ये फेसीलिटेटर्स हाई-क्वालिटी इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स सर्विसेज देंगे, जिसमें कम फीस पर तेज़ पेटेंट एग्जामिनेशन शामिल है। सरकार फेसीलिटेटर फीस का पूरा खर्च उठाएगी और स्टार्टअप को सिर्फ स्टैच्यूटरी फीस का पेमेंट करना होगा। इससे पेटेंट्स फाइल करने की कॉस्ट में 80% की कमी आएगी।
फंड्स की आसान उपलब्धता
सरकार ने 10,000 करोड़ रुपये का फंड स्टार्टअप्स को वेंचर कैपिटल के रूप में प्रदान करने के लिए सेटअप किया है। साथ ही, सरकार बैंकों और अन्य फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन्स को वेंचर कैपिटल देने के लिए गारंटी भी दे रही है।
3 साल के लिए टैक्स होलीडे
स्टार्टअप्स को 3 साल के लिए इनकम टैक्स से छूट दी जाएगी, बशर्ते उन्हें इंटर-मिनिस्टीरियल बोर्ड (IMB) से सर्टिफिकेशन मिल जाए।
टेंडर्स के लिए आवेदन करें
स्टार्टअप्स सरकारी टेंडर्स के लिए अप्लाई कर सकते हैं। उन्हें सरकारी टेंडर्स के लिए “प्रीवियस एक्सपीरियंस/टर्नओवर” की शर्त से छूट दी गई है।
R&D सुविधाएं
स्टार्टअप्स को R&D सेक्टर में सुविधाएं देने के लिए 7 नए रिसर्च पार्क्स सेटअप किए जाएंगे।
कंप्लायंसेस में आसानी
स्टार्टअप्स के लिए कई कंप्लायंसेस को सिंप्लिफाई किया गया है, जिससे टाइम और पैसा दोनों बचाया जा सके। स्टार्टअप्स को 9 लेबर और 3 एनवायरनमेंट लॉज के साथ सेल्फ-सर्टिफाई कंप्लायंस की परमिशन दी गई है।
इन्वेस्टर्स के लिए टैक्स सेविंग
जो लोग सरकार द्वारा सेटअप किए गए वेंचर फंड्स में अपने कैपिटल गेन का इन्वेस्टमेंट करेंगे, उन्हें कैपिटल गेन टैक्स से छूट मिलेगी। इससे स्टार्टअप्स को और भी ज्यादा इन्वेस्टर्स अट्रैक्ट करने में मदद मिलेगी।
अपने इन्वेस्टर को चुनें
इस योजना के बाद, स्टार्टअप्स के पास VCs के बीच चुनने का ऑप्शन होगा, जिससे उन्हें अपने इन्वेस्टर्स चुनने की आजादी मिलेगी।
आसान एक्ज़िट
अगर कोई स्टार्टअप बंद करना चाहता है, तो वह विंडिंग अप के आवेदन की तारीख से 90 दिनों के भीतर अपना बिजनेस बंद कर सकता है।
अन्य उद्यमियों से मिलें
सरकार ने प्रस्ताव रखा है कि हर साल 2 स्टार्टअप फेस्ट्स आयोजित किए जाएंगे, जहां स्टार्टअप के अलग-अलग स्टेकहोल्डर्स मिल सकते हैं। इससे उन्हें बड़ी नेटवर्किंग अपॉर्च्युनिटी मिलेगी।
Startup को मिल रहा है बूस्ट
सरकार द्वारा स्टार्टअप्स को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्हें जो बेनिफिट्स मिल रहे हैं, वे बेहद इम्पोर्टेंट हैं, जिससे और भी लोग स्टार्टअप्स की दुनिया में कदम रख रहे हैं। स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत मिलने वाले ये फायदे न केवल स्टार्टअप्स को सशक्त बना रहे हैं, बल्कि भारत की इकोनॉमी को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाने में मदद कर रहे हैं।