Cognizant: हाल ही में, IT सेक्टर की प्रमुख कंपनी, Cognizant ने नए ग्रेजुएट्स के लिए एक नई जॉब पोस्ट जारी की, जिसमें सालाना ₹2.52 लाख की सैलरी की पेशकश की गई। यह जॉब पोस्ट सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बन गई है। इस ऑफर की तुलना अन्य पेशेवर सैलरी से करने पर यह साफ हो जाता है कि IT के इस बड़े नाम ने नए ग्रेजुएट्स के लिए सैलरी पैकेज काफी कम रखा है।
Cognizant के CEO की लग्जरी सैलरी और नए ग्रेजुएट्स को चाय-पानी का पैसा
Cognizant के CEO, रवि कुमार सिंगसेटी की सैलरी पिछले साल की रिपोर्ट्स के अनुसार ₹186 करोड़ थी। यह आंकड़ा कंपनी की कुल बिक्री का मात्र 0.11% है, जो यह दर्शाता है कि कंपनी के शीर्ष पदाधिकारियों की सैलरी कितनी अधिक हो सकती है। इसके विपरीत, नए ग्रेजुएट्स को ₹2.52 लाख सालाना की पेशकश की गई है। यह वेतन अंतर साफ करता है कि कंपनी के उच्चतम और निम्नतम वेतन में कितना बड़ा अंतर है।
2.52 लाख सालाना: क्या ये युवाओं की मेहनत का मोल सही है या मजाक?
जॉब पोस्ट के सामने आने के बाद, लोगों ने सोशल मीडिया पर जमकर प्रतिक्रिया दी। कई लोगों ने बताया कि ₹2.52 लाख सालाना की सैलरी के बाद, टैक्स और अन्य कटौतियों के बाद, नए ग्रेजुएट्स को महीने में ₹18,000 से ₹19,000 हाथ में मिलेगा। यह आंकड़ा महानगरों में रहने और महंगाई के मुकाबले बहुत ही कम है। एक यूजर ने तो यहां तक लिख दिया कि, “₹2 लाख सालाना? मेरी ड्राइवर की सैलरी इससे ज्यादा है, और वो हफ्ते में 4 दिन काम करता है।”
कम सैलरी और महंगाई की जंग: IT सेक्टर को अब बदलने की ज़रूरत
नए ग्रेजुएट्स के लिए ₹2.52 लाख की सैलरी की तुलना मौजूदा महंगाई और जीवन की लागत से की जाए तो यह बहुत ही कम प्रतीत होती है। कई यूजर्स ने इस पर टिप्पणी की कि, “MNCs की कमाई ट्रिलियन में पहुंच गई है, लेकिन नए ग्रेजुएट्स को वही पुराना पैकेज मिल रहा है, जो बीस साल पहले था।” इस प्रतिक्रिया ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या बड़ी कंपनियां युवा प्रोफेशनल्स के लिए केवल दिखावा कर रही हैं या वास्तव में उनके वेतन में सुधार की जरूरत है।
सोशल मीडिया पर बवाल: नए ग्रेजुएट्स का गुस्सा उबाल पर
सोशल मीडिया पर इस जॉब पोस्ट को लेकर हज़ारों प्रतिक्रियाएं आई हैं। बहुत से यूजर्स ने इसे अन्य पेशेवर अवसरों से तुलना की और बताया कि मोमो की दुकान पर काम करने वाला हेल्पर भी इससे ज्यादा कमाता है। एक यूजर ने कहा, “Cognizant जैसी बड़ी कंपनी और यह सैलरी? क्या यह युवाओं के साथ अन्याय नहीं है?”
IT सेक्टर की सैलरी पॉलिसी: क्या नए ग्रेजुएट्स को मिल रहा सही मायनों में इनाम?
Cognizant की जॉब पोस्ट ने केवल एक वेतन पैकेज को ही नहीं बल्कि IT सेक्टर में वेतन और कर्मचारियों के हक के मुद्दे को भी सामने लाया है। क्या अब वक्त आ गया है कि कंपनियां नए ग्रेजुएट्स के वेतन में सुधार करें और उन्हें महंगाई और जीवन की लागत के अनुसार उचित वेतन दें? यह सवाल अब IT सेक्टर के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हो गया है।
नए ग्रेजुएट्स की उम्मीदें: क्या IT सेक्टर उन्हें सही मौका दे रहा है?
इस विवाद ने यह स्पष्ट कर दिया है कि IT सेक्टर में वेतन की असमानता एक बड़ी चिंता का विषय है। क्या यह केवल एक अस्थायी विवाद है, या यह लंबे समय से चली आ रही वेतन असमानता का संकेत है? युवा पेशेवरों की उम्मीदें अब बड़ी कंपनियों से और अधिक बढ़ गई हैं। क्या ये कंपनियां उन्हें सही मायनों में प्रोत्साहित करने के लिए तैयार हैं?
Cognizant की जॉब पोस्ट ने IT सेक्टर में वेतन और कर्मचारियों के अधिकारों के मुद्दे को एक नए परिप्रेक्ष्य में ला दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में कंपनियां इस पर कैसे प्रतिक्रिया देती हैं और क्या वे नए ग्रेजुएट्स के लिए बेहतर अवसर प्रदान करती हैं।हाल ही में, IT सेक्टर की प्रमुख कंपनी, Cognizant ने नए ग्रेजुएट्स के लिए एक नई जॉब पोस्ट जारी की, जिसमें सालाना ₹2.52 लाख की सैलरी की पेशकश की गई। यह जॉब पोस्ट सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बन गई है। इस ऑफर की तुलना अन्य पेशेवर सैलरी से करने पर यह साफ हो जाता है कि IT के इस बड़े नाम ने नए ग्रेजुएट्स के लिए सैलरी पैकेज काफी कम रखा है।
Cognizant के CEO की शानदार सैलरी और नए ग्रेजुएट्स की सैलरी का बड़ा फर्क
Cognizant के CEO, रवि कुमार सिंगसेटी की सैलरी पिछले साल की रिपोर्ट्स के अनुसार ₹186 करोड़ थी। यह आंकड़ा कंपनी की कुल बिक्री का मात्र 0.11% है, जो यह दर्शाता है कि कंपनी के शीर्ष पदाधिकारियों की सैलरी कितनी अधिक हो सकती है। इसके विपरीत, नए ग्रेजुएट्स को ₹2.52 लाख सालाना की पेशकश की गई है। यह वेतन अंतर साफ करता है कि कंपनी के उच्चतम और निम्नतम वेतन में कितना बड़ा अंतर है।
₹2.52 लाख सालाना वेतन: क्या यह युवा प्रोफेशनल्स की मेहनत की सही कीमत है?
जॉब पोस्ट के सामने आने के बाद, लोगों ने सोशल मीडिया पर जमकर प्रतिक्रिया दी। कई लोगों ने बताया कि ₹2.52 लाख सालाना की सैलरी के बाद, टैक्स और अन्य कटौतियों के बाद, नए ग्रेजुएट्स को महीने में ₹18,000 से ₹19,000 हाथ में मिलेगा। यह आंकड़ा महानगरों में रहने और महंगाई के मुकाबले बहुत ही कम है। एक यूजर ने तो यहां तक लिख दिया कि, “₹2 लाख सालाना? मेरी ड्राइवर की सैलरी इससे ज्यादा है, और वो हफ्ते में 4 दिन काम करता है।”
कम वेतन और महंगाई का मुकाबला: IT सेक्टर में बदलाव की जरूरत
नए ग्रेजुएट्स के लिए ₹2.52 लाख की सैलरी की तुलना मौजूदा महंगाई और जीवन की लागत से की जाए तो यह बहुत ही कम प्रतीत होती है। कई यूजर्स ने इस पर टिप्पणी की कि, “MNCs की कमाई ट्रिलियन में पहुंच गई है, लेकिन नए ग्रेजुएट्स को वही पुराना पैकेज मिल रहा है, जो बीस साल पहले था।” इस प्रतिक्रिया ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या बड़ी कंपनियां युवा प्रोफेशनल्स के लिए केवल दिखावा कर रही हैं या वास्तव में उनके वेतन में सुधार की जरूरत है।
सोशल मीडिया पर हंगामा: युवा पेशेवरों का गुस्सा फूटा
सोशल मीडिया पर इस जॉब पोस्ट को लेकर हज़ारों प्रतिक्रियाएं आई हैं। बहुत से यूजर्स ने इसे अन्य पेशेवर अवसरों से तुलना की और बताया कि मोमो की दुकान पर काम करने वाला हेल्पर भी इससे ज्यादा कमाता है। एक यूजर ने कहा, “Cognizant जैसी बड़ी कंपनी और यह सैलरी? क्या यह युवाओं के साथ अन्याय नहीं है?”
क्या IT सेक्टर नए ग्रेजुएट्स को सैलरी के मामले में सही मायनों में प्रोत्साहित कर रहा है?
Cognizant की जॉब पोस्ट ने केवल एक वेतन पैकेज को ही नहीं बल्कि IT सेक्टर में वेतन और कर्मचारियों के हक के मुद्दे को भी सामने लाया है। क्या अब वक्त आ गया है कि कंपनियां नए ग्रेजुएट्स के वेतन में सुधार करें और उन्हें महंगाई और जीवन की लागत के अनुसार उचित वेतन दें? यह सवाल अब IT सेक्टर के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हो गया है।
नए ग्रेजुएट्स की उम्मीदें: क्या IT सेक्टर उन्हें सही मौका दे रहा है?
इस विवाद ने यह स्पष्ट कर दिया है कि IT सेक्टर में वेतन की असमानता एक बड़ी चिंता का विषय है। क्या यह केवल एक अस्थायी विवाद है, या यह लंबे समय से चली आ रही वेतन असमानता का संकेत है? युवा पेशेवरों की उम्मीदें अब बड़ी कंपनियों से और अधिक बढ़ गई हैं। क्या ये कंपनियां उन्हें सही मायनों में प्रोत्साहित करने के लिए तैयार हैं?
Cognizant की जॉब पोस्ट ने IT सेक्टर में वेतन और कर्मचारियों के अधिकारों के मुद्दे को एक नए परिप्रेक्ष्य में ला दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में कंपनियां इस पर कैसे प्रतिक्रिया देती हैं और क्या वे नए ग्रेजुएट्स के लिए बेहतर अवसर प्रदान करती हैं।