Flipkart ने अपने नए प्रोजेक्ट, Flipkart Minutes के साथ क्विक कॉमर्स में एंट्री मारी है। अब सवाल है – क्या Flipkart अपने विशाल यूजर बेस और ब्रांड के साथ इस क्षेत्र में दबदबा कायम कर पाएगा?
Flipkart की नई शुरुआत
Flipkart ने पहले भी 2015 और 2017 में ग्रोसरी डिलीवरी की कोशिश की थी, लेकिन अब वह डार्क स्टोर्स के साथ फिर से मैदान में आया है। अब वह Blinkit, Zepto और Swiggy Instamart की तरह तेजी से डिलीवरी कर रहा है। Flipkart Minutes की खास बात यह है कि यह डिलीवरी पर कोई भी चार्ज नहीं लेता अगर ऑर्डर ₹99 से ज्यादा हो, बस एक प्लेटफॉर्म फीस ₹5 लगती है।
पुराने खिलाड़ी, नया अंदाज
Flipkart की बढ़ती चुनौती Blinkit और Zepto जैसी कंपनियों से है, जो पहले से ही इस खेल में हैं। Zepto ने हाल ही में $665 मिलियन की फंडिंग जुटाई है और Blinkit ने 639 डार्क स्टोर्स खोल रखे हैं। Flipkart को इस मुकाबले में काफी मेहनत करनी पड़ेगी।
Flipkart का फायदा
Flipkart का सबसे बड़ा फायदा इसका विशाल यूजर बेस और छोटे शहरों में इसकी मजबूत पहचान है। जहां Blinkit और Zepto अभी भी छोटे शहरों में पांव नहीं जमा सके हैं, वहीं Flipkart की पहले से ही वहां अच्छी खासी उपस्थिति है। इससे Flipkart को काफी लाभ हो सकता है।
Flipkart का भविष्य
फिलहाल Flipkart Minutes सिर्फ बेंगलुरु में उपलब्ध है, लेकिन कंपनी का कहना है कि वह जल्द ही 100 डार्क स्टोर्स खोलने की योजना बना रही है। अगर Flipkart सही तरीके से काम करता है, तो यह छोटे शहरों और कस्बों में भी अपनी पकड़ बना सकता है।
नई चुनौतियाँ और मौके
Quick commerce का ट्रेंड अब फैशन और फूड डिलीवरी तक भी पहुंच चुका है। Flipkart ने इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य प्रोडक्ट्स को भी अपनी सूची में शामिल किया है। हालांकि, फिलहाल यह सेवा केवल बेंगलुरु के कुछ इलाकों में ही उपलब्ध है। कंपनी को इसके लिए बड़ा निवेश और एक मजबूत वितरण नेटवर्क बनाना होगा।
आखिरकार, Flipkart ने क्विक कॉमर्स के खेल में नई जान डाल दी है। अगर वह अपनी रणनीति सही तरीके से लागू करता है, तो वह छोटे शहरों में एक बड़ा धूम मचा सकता है। देखना यह है कि क्या Flipkart इस बार ‘फास्ट’ ट्रैक पर रहकर खुद को साबित कर पाएगा!