Oyo Valuation Crashes: Oyo को लगा बड़ा झटका! वैल्यूएशन में 75% से ज्यादा की गिरावट

Photo Courtesy : Wikimedia Commons

Oyo, जो कभी भारत का दूसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप था और जिसकी वैल्यू $10 बिलियन थी, अब नई फंडिंग राउंड में इसकी वैल्यू घटकर महज $2.4 बिलियन रह गई है। इस खबर को TechCrunch ने कई स्रोतों के हवाले से बताया है।

नई फंडिंग में किसकी खुली झोली?

Oyo, जो बजट होटलों का बेताज बादशाह है, ने Series G फंडिंग के तहत $173.5 मिलियन जुटाए हैं। इस फंडिंग में Patient Capital, जो Oyo के खुद के बॉस रितेश अग्रवाल द्वारा चलाया जाता है; InCred Wealth, जो अमीर लोगों से पैसा इकट्ठा करता है; और J&A Partners ने सबसे ज्यादा पैसा डाला है।

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Oyo की वैल्यू अब उसकी कुल पूंजी जुटाई गई राशि से भी नीचे गिर गई है। Tracxn, एक डेटा प्लेटफॉर्म, के अनुसार Oyo ने अब तक कुल $3.3 बिलियन की फाइनेंसिंग जुटाई है।

रितेश अग्रवाल की दांव-पेंच और Oyo की चकरघिन्नी

Oyo की स्थिति विवादों में घिरी हुई है। रितेश अग्रवाल ने 2019 में Oyo में $1.5 बिलियन का दांव लगाया था जब कंपनी की वैल्यू $10 बिलियन थी। लेकिन अब तक Oyo ने यह नहीं बताया कि इस पूंजी को कैसे जुटाया गया और अब स्थिति क्या है।

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नई वैल्यूएशन का खेल: क्या है चौंकाने वाली बात?

नई वैल्यूएशन में कटौती कोई नई बात नहीं है। SoftBank, जो Oyo में 40% से अधिक हिस्सेदारी रखता है, ने 2022 में Oyo की वैल्यू को $2.7 बिलियन तक घटा दिया था। Oyo ने उस समय कहा था कि इस मार्कडाउन के लिए कोई “तार्किक आधार” नहीं है। यानि ‘घोड़े की गधी’ पर चढ़ने की उम्मीद छोड़ दी जाए।

Oyo के निवेशक और IPO की कहानी

Oyo के निवेशकों में SoftBank, Airbnb, Peak XV Partners, Microsoft और Lightspeed Venture Partners शामिल हैं। नई फंडिंग के बाद Oyo ने इस साल के शुरू में दूसरी बार अपने ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस को वापस ले लिया। Oyo ने 2021 में सार्वजनिक होने के लिए दस्तावेज़ दाखिल किया था, उस समय कंपनी ने $12 बिलियन की वैल्यूएशन पर लगभग $1.2 बिलियन जुटाने की कोशिश की थी। लेकिन SEBI ने कभी भी IPO की मंजूरी नहीं दी।

आखिरी बात, Oyo की कहानी ‘अखिरी समय में बिनजेंगा फस’ वाली हो गई है। जहां एक तरफ फंडिंग की कमी और वैल्यूएशन में गिरावट ने कंपनी को परेशान किया है, वहीं दूसरी तरफ Oyo को अब अपने खेल को फिर से ठीक करने की जरूरत है। Oyo को अब अपनी स्थिति को संभालने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी, वरना ‘नकल में अकल का क्या काम?’ वाली स्थिति हो जाएगी।

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