ज्योतिरादित्य सिंधिया, जो भारतीय राजनीति में एक प्रमुख नाम हैं, ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 3.0 कैबिनेट में कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली है। यह शपथ ग्रहण समारोह उनके राजनीतिक करियर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो उनके कद और प्रतिष्ठा को और भी ऊंचा करता है।
शैक्षिक और प्रारंभिक जीवन: ज्योतिरादित्य सिंधिया का जन्म 1 जनवरी 1971 को मुंबई में हुआ था। वे ग्वालियर के महाराजा माधवराव सिंधिया के पुत्र हैं। सिंधिया ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दून स्कूल, देहरादून से प्राप्त की और इसके बाद हार्वर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक और स्टैनफोर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए की डिग्री हासिल की। उनकी उच्च शिक्षा और पारिवारिक पृष्ठभूमि ने उन्हें राजनीति में प्रवेश करने के लिए प्रेरित किया।
राजनीतिक करियर: ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 2002 में की, जब वे पहली बार कांग्रेस पार्टी के टिकट पर गुना लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए। उन्होंने अपने पिता की मृत्यु के बाद इस सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। सिंधिया ने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया और कांग्रेस पार्टी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2020 में, उन्होंने कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए। बीजेपी में शामिल होने के बाद, उन्होंने पार्टी के लिए कई महत्वपूर्ण अभियानों में भाग लिया और 2021 में राज्यसभा सदस्य बने।
मंत्रिपरिषद में भूमिका: पीएम मोदी के 3.0 कैबिनेट में ज्योतिरादित्य सिंधिया को नागरिक उड्डयन मंत्री के रूप में शामिल किया गया है। इस भूमिका में, उनके पास भारत के उड्डयन क्षेत्र को सुधारने और उन्नत बनाने की जिम्मेदारी है। सिंधिया ने अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण नीतियों और परियोजनाओं की शुरुआत की है, जो देश के उड्डयन क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहायक साबित हो रही हैं।
समाज सेवा: राजनीति के अलावा, ज्योतिरादित्य सिंधिया समाज सेवा में भी सक्रिय हैं। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। उनके द्वारा शुरू की गई योजनाएं और कार्यक्रमों ने हजारों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए हैं। सिंधिया ने विशेष रूप से ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में विकास को बढ़ावा देने के लिए काम किया है।