Sagar Wall Collapse: मध्य प्रदेश के सागर जिले के शाहपुर क्षेत्र में रविवार को एक दर्दनाक हादसा हो गया। यहां हरदौल मंदिर परिसर से सटी एक पुरानी दीवार अचानक गिर गई, जिसके मलबे में दबकर नौ बच्चों की मौत हो गई। कई अन्य बच्चे भी मलबे में दब गए, जिनको निकालने का काम जारी है। घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया और मौके पर राहत एवं बचाव दल पहुंच गए।
घटना की जानकारी
जानकारी के अनुसार, मंदिर में शिवलिंग निर्माण एवं भागवत कथा का आयोजन चल रहा था। सावन के महीने में यहां सुबह से शिवलिंग बनाए जा रहे थे। रविवार को भी शिवलिंग बनाने का काम जारी था, जब आठ से चौदह साल के बच्चे शिवलिंग बना रहे थे, तभी पास की करीब पचास साल पुरानी एक कच्ची दीवार भरभराकर गिर गई।
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दीवार गिरने से मची अफरातफरी
यह दीवार बच्चों के ऊपर गिरी, जिससे नौ बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई। इस हादसे के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई। स्थानीय प्रशासन और नगर परिषद को इसकी सूचना दी गई। मौके पर पहुंची रेस्क्यू टीमों ने मलबे से बच्चों को निकालने का काम शुरू किया। अब तक आठ बच्चों को मलबे से सुरक्षित निकाल लिया गया है, जबकि बाकी बच्चों को निकालने का काम जारी है।
प्रशासन की तत्परता
सूचना मिलने पर रहली विधायक एवं पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव भी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। बताया जा रहा है कि यह दीवार जर्जर हो चुकी थी और लगातार बारिश के कारण कमजोर हो गई थी। सागर में इन दिनों भारी बारिश हो रही है, जिससे कच्चे और जर्जर मकानों को खतरा बना हुआ है।
अस्पताल में अव्यवस्था
घटना के बाद घायल बच्चों को आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों की अनुपस्थिति और केवल एक ही कर्मचारी के मौजूद होने से स्थानीय निवासियों ने जमकर हंगामा किया। लोगों का आरोप है कि डॉक्टर अक्सर आते ही नहीं और केवल साइन करके चले जाते हैं। इस अव्यवस्था ने लोगों का गुस्सा और बढ़ा दिया।
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मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने अपने ‘X’ अकाउंट पर लिखा, “सागर जिले के शाहपुर में हुई इस घटना से मन व्यथित है। घायल बच्चों के उचित इलाज के लिए जिला प्रशासन को निर्देशित किया गया है। भगवान से प्रार्थना है कि दिवंगत बच्चों की आत्मा को शांति प्रदान करें और घायल बच्चों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ हो।” मुख्यमंत्री ने मृतक बच्चों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा भी की है।
यह हादसा उन तमाम सवालों को उठाता है जो पुराने और जर्जर भवनों की मरम्मत और रखरखाव को लेकर प्रशासन की लापरवाही पर सवाल खड़े करते हैं। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे हादसों से सबक लेते हुए भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए ठोस कदम उठाए।
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