शिवराज सिंह चौहान, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता, ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में छठे नंबर पर शपथ लेकर अपने कद को और बढ़ा लिया है। इस शपथ ग्रहण समारोह में उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर से पहले मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज की, जिससे उनके महत्व का अंदाजा लगाया जा सकता है।
शैक्षिक और प्रारंभिक जीवन: शिवराज सिंह चौहान का जन्म 5 मार्च 1959 को मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के जैत गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा जैत और भोपाल से प्राप्त की। चौहान ने बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल से स्नातक की डिग्री हासिल की और इसके बाद समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर किया। शिक्षा के दौरान ही उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़कर सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेना शुरू कर दिया था।
राजनीतिक करियर: शिवराज सिंह चौहान ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1975 में की, जब वे 16 साल के थे और आपातकाल के दौरान विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। 1991 में, उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव जीता और इसके बाद कई बार सांसद चुने गए। 2005 में, वे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और 2020 तक इस पद पर बने रहे। चौहान ने अपने कार्यकाल के दौरान राज्य में कई विकास योजनाएं और परियोजनाएं शुरू कीं, जिससे मध्य प्रदेश का विकास हुआ।
मंत्रिपरिषद में भूमिका: पीएम मोदी के मंत्रिपरिषद में शिवराज सिंह चौहान की नियुक्ति ने उनकी राजनीतिक महत्वता को और बढ़ा दिया है। उन्हें केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय का प्रभार दिया गया है। इस भूमिका में, चौहान के पास देश के कृषि क्षेत्र को सुधारने और किसानों के कल्याण के लिए नीतियां बनाने की जिम्मेदारी है। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कृषि में सुधार और किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
समाज सेवा: राजनीति के अलावा, शिवराज सिंह चौहान समाज सेवा में भी सक्रिय हैं। उन्होंने अपने क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में कई कार्य किए हैं। उनके द्वारा शुरू की गई योजनाएं और कार्यक्रमों ने हजारों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए हैं।
उपसंहार: शिवराज सिंह चौहान का जीवन और करियर एक प्रेरणा स्रोत है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में उनकी सेवाएं और अब केंद्रीय मंत्री के रूप में उनकी भूमिका उन्हें एक विशिष्ट नेता बनाती है। पीएम मोदी के मंत्रिपरिषद में छठे नंबर पर शपथ लेकर, उन्होंने साबित कर दिया है कि समर्पण और मेहनत से सब कुछ संभव है। कृषि और किसान कल्याण मंत्री के रूप में चौहान का कार्यकाल एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है, जिसमें वे अपने अनुभव और समर्पण से देश के कृषि क्षेत्र को सुधारने की दिशा में काम कर रहे हैं।