बलूचिस्तान में हाल के दिनों में स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई है, जहां बलूच लड़ाकों ने पाकिस्तानी सेना की पकड़ को कमजोर कर दिया है। बलूचिस्तान के अधिकांश हिस्से पर Baloch Liberation Army का नियंत्रण बढ़ गया है, और सेना और बलूच लड़ाकों के बीच संघर्ष जैसे हालात बन गए हैं।
ऑपरेशन हेरोफ की शुरुआत
बलूच लिबरेशन आर्मी ने ‘ऑपरेशन हेरोफ’ शुरू करने का दावा किया है। बीएलए के एक प्रवक्ता के अनुसार, इस ऑपरेशन के शुरू होने के छह घंटे के भीतर 102 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं। बताया गया है कि इस ऑपरेशन में बलूच आर्मी का मजीद ब्रिगेड भी शामिल है, जिसमें आत्मघाती हमलावर भी शामिल हैं। ऑपरेशन का मुख्य लक्ष्य सेना के बेला कैंप पर कब्जा करना और सैन्य काफिलों पर घात लगाकर हमला करना है।
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पाकिस्तानी सेना की प्रतिक्रिया
पाकिस्तानी सेना ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है और दावा किया है कि उसने विभिन्न स्थानों पर मुठभेड़ के दौरान 21 आतंकवादियों को मार गिराया है। जीयंद बलूच ने एक बयान में बताया कि बेला में मिलिट्री बेस पर किए गए हमले में 40 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं। बयान में कहा गया है कि बीएलए के फिदायीन यूनिट ने मिलिट्री बेस के एक बड़े हिस्से पर पिछले छह घंटों से कब्जा जमा रखा है।
Baloch Liberation Army का दावा
Baloch Liberation Army के बयान के अनुसार, ‘मिलिट्री बेस पर सभी फिदायीन सुरक्षित हैं और हमारे संपर्क में हैं।’ बयान में कहा गया है कि रविवार की रात को बीएलए के हमलावरों ने मिलिट्री बेस के मेन गेट और सुरक्षा चौकियों पर विस्फोटक से लदे दो वाहनों में विस्फोट किया, जिससे सुरक्षा चौकियां नष्ट हो गई हैं। इसके बाद मजीद ब्रिगेड के फिदायीन लड़ाके बेला मिलिट्री कैंप में घुसे और 40 से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया। साथ ही, बेस के एक बड़े इलाके पर कब्जा कर लिया गया।
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चेक प्वाइंट और नाकाबंदी
बीएलए लड़ाकों ने सभी हाइवे पर चेक प्वाइंट स्थापित कर दिए हैं और अपना अधिकार जमा लिया है। इस ऑपरेशन में बलूच आर्मी का फतह स्क्वाड और स्पेशल टैक्टिकल ऑपरेशन स्क्वाड (STOS) शामिल हैं। बयान में कहा गया है कि नाकाबंदी के दौरान हुई झड़पों में 62 सैनिक मारे गए हैं। इस प्रकार, अब तक 102 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। बीएलए ने यह भी कहा है कि इस अभियान के दौरान सेना, लेवी और पुलिस के 22 से अधिक सदस्यों को पकड़ा गया है और चेक प्वाइंट पर दुश्मनों की पहचान करके उन्हें मारा गया है।
बलूचिस्तान में इस संघर्ष की स्थिति गंभीर होती जा रही है और दोनों पक्षों के बीच लगातार हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं।
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